Kahani: एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से सभी लोगों को निकाला गया। मोहल्ले के कुछ लोग आग बुझाने में लग गए तो कुछ लोग केवल तमाशा देख रहे थे। उसी घर में एक चिड़िया का घोंसला भी था। चिड़िया अपनी चोंच में थोड़ा पानी लाती और आग के ऊपर डाल देती लेकिन आग बुझ ही नहीं रही थी। उधर चिड़िया भी रुक नही रही थी वो बस अपनी चोंच में पानी भर कर लाती और आग में डाल देती। चिड़िया को बार बार मेहनत करते देख कौवा उसको देख कर हंसने लगा और बोला चिड़िया तू पागल है क्या?
ये घर देख इतना बड़ा है और तेरी चोंच इतनी छोटी है तुझे क्या लगता है तेरे बुझाने से ये आग बुझ जायेगी। चिड़िया ने कहा- हां मैं जानती हूं कि मेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी, किन्तु जब भी इस आग के बारे में बात होगी तब मेरा नाम आग बुझाने वालों में होगा और तेरा नाम तमाशा देखने वालों में होगा।
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सीख:- हमारे जीवन में भी ऐसे बहुत सारे लोग होते है जिनको हमारी सफलता बुरी लगती हैं। वो सदैव हमारे अंदर कोई न कोई कमी निकालते हैं और यदि हमसे कोई छोटी सी भी गलती हो जाए तो उसका तमाशा बना देते हैं। इसलिए सदैव ऐसे लोगों से दूर रहना ही बेहतर होता है।
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