श्रीनगर: हिंदू लड़कियां न सिर्फ पाकिस्तान में असुरक्षित हैं बल्कि भारत में भी उनका अब जबरन अपहरण कर धर्मपरिवर्तन कराया जाने लगा है। इसकी शुरुआत जम्मू-कश्मीर से हो चुकी है। हालांकि हिंदू परिवार यहां पहले भी असुरक्षित था। लेकिन धारा अनुच्छे हटने के बाद यह कयास लगाया जाने लगा था कि अब विस्थापित हिंदूओं की वापसी हो जाएगी। वहीं श्रीनगर में सिख समुदाय की लड़कियों को जबरन अगवा कर न सिर्फ उनका धर्मातरण कराया गया बल्कि बुजुर्गों के साथ जबरन निकाह भी कर दिया गया है। इस घटना से सिख समुदाय के लोगों में काफी नाराजगी है। और लोग सुरक्षा की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस मामले में पुलिस का कहना है कि किडनैप 18 वर्षीय युवती को छुड़ा लिया गया है और आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसपी (नार्थ) मुबाशिर हुसैन का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार करते हुए लड़काी का छुडत्रा लिया गया है। लड़की को कोर्ट में पेश करने के बाद उसके परिवार को सौप दिया गया है।

जबकि सिख समुदाय के लोगों का आरोप है कि दो लड़कियों का अपहरण हुआ था, जिसमें से एक की बरामदगी हुई है। घटना को लेकर सिख समुदाय के लोगों में काफी उबाल है। इस मामले को लेकर दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चेयरमैन मनजिंदर सिंह सिरसा श्रीनगर पहुंचकर सिख समुदाय के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि बंदुक की नोक पर लड़कियों का जबरन अपहरण किए जाने के विरोध में हम लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि लड़कियों के परिवार वालों को कोर्ट में एंट्री तक नहीं करने दिया गया। हम लोगों के प्रदर्शन के चलते एक लड़की को हमारे पास भेजा गया है। उन्होनें कहा कि धर्मांतरण का मामला है। हमारी लड़कियों को जबरन उठाकर बुजुर्गों से शादी कराया जा रहा है।

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सिरसा ने कहा कि इस संदर्भ में ​गृह मंत्री अमित शाह से बात हुई है और उन्होंने सिख समुदाय के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाया गया है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है ये लड़कियां जल्द अपने परिवार में वापस आ जाएंगी। मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने सिख समुदाय के मुद्दों पर चर्चा के लिए वक्त भी दिया है। वहीं प्रदर्शनकारी सिख समुदाय के लोगों की मांग है कि यहां लड़कियों के लिए एक कानून बनया जाना चाहिए, जिसके अनुसार अंतर्धार्मिक विवाह से पहले अभिभावकों से अनुमति लेना जरूरी हो।

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