लखनऊ: हम लोग विदेशी चीजों को ज्यादा अहमियत देते हैं, जबकि हमें स्वदेशी चीजों पर ही निर्भर रहना चाहिए। विदेशी वस्तु हमारे देश की चीज से ज्यादा अच्छी है, हमें इस सोच को बदलने की जरूरत है। स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग से हमारा देश सशक्त बनेगा। हम सभी राष्ट्रहित के बजाय स्व हित ज्यादा सोचते हैं। हम सभी जब राष्ट्रहित के बारे में सोचेंगे, तभी हमारा देश विश्वगुरु बन पाएगा। उक्त उद्गार कार्यक्रम अध्यक्ष एकल अभियान के अखिल भारतीय महामंत्री माधवेन्द्र सिंह ने आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित राष्ट्रहित सर्वोपरि कार्यक्रम के 18वें अंक में व्यक्त किए। यह कार्यक्रम सरस्वती कुंज, निराला नगर के प्रो. राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैया) उच्च तकनीकी (डिजिटल) सूचना संवाद केन्द्र में विद्या भारती, एकल अभियान, इतिहास संकलन समिति अवध, पूर्व सैनिक सेवा परिषद एवं विश्व संवाद केन्द्र अवध के संयुक्त अभियान में चल रहा है।

मुख्य वक्ता जागरण इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्युनिकेशन, कानपुर के निदेशक प्रो. डॉ. उप्रेंद्र ने कहा कि हमारे जीवन में अनुशासन एक महत्त्वपूर्ण अंग है। समाज, देश व विश्व सभी अनुशासन से ही चलते हैं। इसके अंतर्गत ही देश में नियम व संविधान बनाया जाता है। देश के संविधान और नियमों का पालन करना हम सब का कर्त्तव्य है। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में लोग टेक्नोलॉजी के उपयोग में अपने अनुशासन को भूल चुके हैं। टेक्नोलॉजी के गलत इस्तेमाल से समाज में किस प्रकार जहर घुल सकता है, इसका हमें शायद अंदाजा भी नहीं है। इसलिए हमें इन उपकरणों का सोच समझकर उपयोग करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम समाज में भ्रम फैलाने का कुचक्र चल रहा है, उससे हमें सचेत रहना होगा और हम सभी को समझना होगा कि एकता ही हमारे देश की असली ताकत है।

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विशिष्ट अतिथि किंग जार्ज मेडिकल विवि के चिकित्सक डॉ. विनोद जैन ने कहा कि हमारी भारतीय सेना जिस प्रकार सीमा पर रहकर देश की चौतरफा सुरक्षा कर रही है, उसी प्रकार हमारे डॉक्टर देश के अंदर कोरोना जैसी अदृश्य बीमारियों से जनता की सुरक्षा कर रहे हैं। कोरोना महामारी में डाक्टरों की टीम ने दिन रात एक कर और अपनी सुरक्षा की परवाह किए बिना अपनी ड्यूटी पर डटे रहे। इसी दौरान कई डाक्टरों ने अपने प्राणों की आहुति भी दे दी।

कार्यक्रम अध्यक्ष एकल अभियान के अखिल भारतीय महामंत्री माधवेन्द्र सिंह ने कहा कि हम लोग विदेशी चीजों को ज्यादा अहमियत देते हैं, जबकि हमें स्वदेशी चीजों पर ही निर्भर चाहिए। विदेशी वस्तु हमारे देश की चीज से ज्यादा अच्छी है, हमें इस सोच को बदलने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कैडेट्स को बाजार का उदाहरण देते हुए राष्ट्रहित में स्वदेशी वस्तुओं के उपभोग के लिए प्रेरित किया। उन्होंने एकल अभियान के माध्यम से देश के दूरदराज क्षेत्रों के लोगों में शिक्षा और राष्ट्रभाव जागने का जो कार्य किया जा रहा है, उसके बारे में विस्तार से चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि भारत भूमि सेवा के लिए भी जानी जाती रही है, यहां पर मानव सेवा को श्रेष्ठ माना गया है। जिसमें प्रत्येक धर्म व संप्रदाय के लोग सेवा कार्य कर रहे हैं। वहीं, विश्व भर में अनेक समाजसेवी लोगों की इच्छा भारत भूमि पर सेवा कार्य करने की रहती है और प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में विदेशी नागरिक भारत में समाज सेवा के लिए आते हैं।

मुख्य अतिथि वीर चक्र विजेता कैप्टन प्रेम कुमार चौहान ने एनसीसी कैडेट्स के बीच अपने अनुभवों को साझा करते हुए सैन्य सेवाओं के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जो युवा अपने जीवन में देश के लिए कुछ करने की लालसा रखते हैं और जिनमें कुछ कर गुजरने की चाह है, ऐसे लोगों को सैन्य सेवाओं में जरूर जाना चाहिए। इसके साथ ही एनसीसी कैडेट्स के अनेकों सवालों के जवाब भी दिए।

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लेफ्टिनेंट कर्नल वरुण बाजपेई ने कार्यक्रम की प्रस्ताविकी रखी। उन्होंने कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का परिचय भी कराया। इतिहास संकलन समिति अवध प्रांत के सदस्य डॉ. सुशील कुमार पांडेय जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे ने किया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास उत्तर प्रदेश के निदेशक रवि, ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि के आचार्य डॉ. नीरज शुक्ला जी, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधिशासी अभियंता डीके द्विवेदी, गुरुद्वारा साहिब, श्री गुरु तेग बहादुर साहिब याहियागंज लखनऊ के डॉ. गुरुमीत सिंह व मनजीत सिंह, सूबेदार मेजर हरीराम यादव, वीर चक्र विजेता कैप्टन प्रेम कुमार चौहान की पत्नी सरोज देवी, मेजर आनंद टंडन, कैप्टन इंदल सिंह, चंदेल, विभिन्न प्रदेशों से आए एकल अभियान के कार्यकर्ता, कार्यक्रम संयोजक डॉ. मुकेश वर्मा एवं 63वीं यूपी एनसीसी बटालियन लखनऊ के कैडेट सहित कई लोग मौजूद रहे।

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