लखनऊ। कोरोनावायरस की दूसरी लहर से रहत मिलनी शुरू ही हुई थी कि इसकी वजह से अन्य बीमारियों ने पांव पसारने शुरू कर दिया हैं। देश के अन्य राज्यों में जहां ब्लैक फंगस का कहर बढ़ता जा रहा है, वहीं राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में शनिवार को 31 मरीज भर्ती किए गए हैं। जबकि इसकी चपेट में आए दो मरीजों की मौत भी हो गई है। ब्लैक फंगस के बढ़ते मरीजों और मौत के चलते स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है। अभी तक प्रशासनिक व्यवस्था ब्लैक फंगस की चुनौतियों से निपटने में विफल साबित हो रही है। मरीजों को इसकी दवा तक भी नहीं मिल पा रही है।

राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस से पीड़ित 181 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं, जिनमें 15 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। वहीं एक दिन में सबसे ज्यादा 23 मरीज केजीएमयू में भर्ती किए गए है। इनमें इलाज के दौरान दो मरीजों की मौत हो चुकी है। केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह के अनुसार ब्लैक फंगस से 55 व 35 वर्षीय दो लोगों की मौत हुई है। उन्होंने बताया कि केजीएमयू में अब तक कुल 12 मरीजों की सर्जरी की गई है। जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। उन्होंने कहा, अकेले केजीएमयू में अब तक 124 ब्लैक फंगस के मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। जबकि बीते 24 घंटे में लोहिया संस्थान में छह मरीज भर्ती किए गए हैं। लोहिया संस्थान में अब तक 17 मरीज भर्ती किए जा चुके हैं। इसी तरह पीजीआई में 24 घंटे के दौरान दो मरीज भर्ती किए गए हैं। पीजीआई में भी अब तक 18 मरीजों को भर्ती किया जा चुका है।

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यूपी में बाहर नहीं बिकेगी फंगस की दवा

दवाओं की कमी और कालाबाजारी को देखते हुए योगी सरकार ने ब्लैक फंगस की दवा को बाहर बिक्री पर रोक लगा दिया है। लेकिन इससे बड़ी समस्या यह उत्पन्न हो गई कि कि प्राइवेट अस्पताल दवा न मिलने की बात करके ब्लैक फंगस के मरीजों को भर्ती करने से मना कर रहे हैं। इसके चलते मरीजों को लेकर तीमारदारों को भटकना पड़ रहा है। हालांकि अभी तक फलैक फंगस की दवा को लेकर घोर संकट बना हुआ है।

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