Ayodhya: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) गुरुवार को लगभग साढ़े चार घंटा अयोध्या (Ayodhya) में रहेंगे। सीएम योगी (CM Yogi) यहां रामलला के भव्य मंदिर निर्माण की प्रगति और अयोध्या में हो रहे विकास कार्यों का जायजा लेने के साथ ही समीक्षा बैठक भी करेंगे। साथ ही उनका यहां दर्शन-पूजन का भी कार्यक्रम है। इससे पहले मुख्यमंत्री 2 दिसम्बर को अयोध्या एयरपोर्ट का निरीक्षण करने केन्द्रीय मंत्रियों के साथ आये थे। इस माह में मुख्यमंत्री का दूसरी बार अयोध्या आगमन हो रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) हेलीकॉप्टर से लगभग 11 बजे रामकथा हेलीपैड पहुंचेंगे, जहां से सबसे पहले वे हनुमानगढ़ी और श्रीराम जन्मभूमि परिसर में रामलला के दर्शन पूजन करेंगे। इसके बाद वे यहां हो रहे मंदिर निर्माण और अन्य विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे।

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सीएम योगी (CM Yogi) सर्किट हाउस में अल्प प्रवास के बाद आयुक्त कार्यालय में दोपहर 1.30 बजे विकास कार्यों एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा करेंगे तथा अगले चरण में संतों के साथ बैठक कर लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।

अयोध्या की सड़कों पर तमिल, तेलुगू में भी लगाई जाएंगी निर्देश पट्टिकाएं

Ayodhya: अयोध्या के मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए मार्गों पर निर्देश पट्टिका लगाई जाएंगी। देश के विभिन्न भागों से अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए यहां अलग अलग भाषाओं में पट्टिका लगाई जाएंगी। इनमें दक्षिण की तमिल, तेलुगू जैसी बडे पैमाने पर बोली जाने वाली भाषाओं में भी पट्टिकाएं होंगी। ये जानकारी अयोध्या पहुंचे एडीजी जोन पियूष मोर्डिया दी।

उन्होंने बताया कि प्रमुख मंदिरों की तरफ जाने वाले मार्गों को चिन्हित कर उन मार्गों पर यथासंभव यथा आवश्यकता के अनुसार श्रद्धालुओं के चलने के लिए योजना बनाई गई है। जिस मार्ग से पैदल यात्री जा सकें, उन मार्गों पर वाहनों को जाने से रोका जाएगा। यह भी निर्धारित किया जा रहा है कि जहां पर वाहनों के आने की आवश्यकता है, वहां वे इस प्रकार से आएं कि अन्य लोगों का आना-जाना बाधित न हो। मार्गों की आवश्यकता के अनुरूप प्लान तैयार किया जा रहा है। कुछ मार्गों पर ई-रिक्शा को बैन भी किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए अयोध्या के मार्गों पर अलग अलग भाषाओं में निर्देश पट्टिकाएं लगाई जाएंगी, जिससे कि श्रद्धालुओं को मंदिर जाने में दिक्कत ना हो। खासकर दक्षिण के राज्यों की भाषाओं में निर्देश पट्टिकाएं भी होंगी।

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