Kahani: बाँट कर खाने वाला कभी भूखा नहीं मरता

Kahani: एक डलिया में संतरे बेचती बूढ़ी औरत से एक युवा अक्सर संतरे खरीदता। वह खरीदे संतरों से एक संतरा निकाल उसकी एक फाँक चखता और कहता- ये कम मीठा…

Prerak Prasang: भक्तवत्सल भगवान

Prerak Prasang: एक समय लक्ष्मी जी विष्णुजी को भोजन करा रही थी, विष्णुजी ने पहला ग्रास मुंह में लेने से पहले ही हाथ रोक लिया, और उठ कर चले गए।…

Poem: सुकून गाँव में है

सुकून गाँव में है, पेड़ों के छाँव में है। शहर के लोग तो, टेंशन, तनाव में हैं। स्वतंत्र हैं लोग यहाँ, न किसी प्रभाव में हैं। द्वेष में कुछ न…

Pauranik Katha: शनिदेव लंगड़े क्यों हैं, जानें उन पर क्यों चढ़ाया जाता है तेल

Pauranik Katha: शनिदेव दक्ष प्रजापति की पुत्री संज्ञा देवी और सूर्यदेव के पुत्र हैं। यह नवग्रहों में सबसे अधिक भयभीत करने वाला ग्रह है। इसका प्रभाव एक राशि पर ढाई…

Pauranik Katha: पतिव्रता गान्धारी की कहानी

Pauranik Katha: संसार की पतिव्रता देवियों में गान्धारी का विशेष स्थान है। ये गन्धर्वराज सुबल की पुत्री और शकुनि की बहन थीं, इन्होंने कौमार्यावस्था में भगवान शंकर की आराधना करके…

Poem: अब हम सब अपना नववर्ष मनाएंगे

चारों तरफ नए साल का, ऐसा मचा है हो-हल्ला। धरती ठिठुर रही सर्दी से, घना कुहासा छाया है। कैसा ये नववर्ष है, जिससे सूरज भी शरमाया है।। सूनी है पेड़ों…

Pauranik Katha: भगवान विष्णु की वजह से लक्ष्मी से जलती थीं उनकी बहन ज्येष्ठा

Pauranik Katha: समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मीजी से पहले उनकी बड़ी बहन ज्येष्ठा जिनका नाम दरिद्रा भी है, वह प्रकट हुई थीं। ज्येष्ठा विष्णु भगवान से विवाह करना चाहती थीं…

Kahani: श्रम अथवा अर्थ दान का मतलब

Kahani: किसी नगर में एक वैद्य रहते थे। उनका व्यवहार बेहद कुशल और विनम्र था, इसीलिए वे उस पूरे इलाके में बहुत इज्जत भी पाता था। वे अपने चिकित्सा आश्रम…

इंद्रियां हैं संसार समझने के उपकरण

संसार प्रत्यक्ष है। संसार समझने के लिए प्रकृति-प्रदत्त पाँच इन्द्रियाँ है। आँख से देखते हैं, कानों से सुनते हैं। त्वचा से स्पर्श करते हैं। जीभ से स्वाद लेते हैं और…

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