हिंदी: राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा

(अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन, वाराणसी (13-14 नवंबर) के अवसर पर विशेष) एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों…

प्रो. बलदेव भाई शर्मा पर केंद्रित पुस्तक का लोकार्पण 12 नवंबर को

नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित राम सुंदर कुमार की पुस्तक ‘मानुष…

क़लम की इच्छा

क़लम हमारी, हमसे बोली, कविता कोई, प्यारी लिख दो। विरह व्यथा तुम, बहुत लिख चुके, अब प्रेम प्यार पर, कुछ लिख दो।। गिरि से गिरते, निर्मल झरने, आलिंगन करते नदियों…

शहर लखनऊ

(भाग-१) प्रभु राम की विरासत, यूपी की राजधानी। तहज़ीब गंगा जमुनी, लखनऊ की निशानी।। शाम-ए-अवध की मस्ती, और दिलकशी नजारा। शाही शहर नबाबी, लखनऊ सबको प्यारा।। मन मोह लेता सबका,…

मेरे प्रियतम तुम सावन में

मुरझाते उपवन को प्रियतम, रसवती कर जाओ। कोमल कंज खिलूँ बन जिसमें, तुम पुष्कर बन जाओ।। नैन थके हैं राह निहारत, रिक्त प्रेम का है प्याला। विरह अग्नि में तपते…

लेखक की पीड़ा

पहचान बड़ी मुश्किल उनकी, जिनकी यह चाह रही है। फ़ेसबुक पर चोरी करना, जिनका बस काम यही है। रात-रात भर पता करें, ये जगते रोज दिखेंगे, किसी वाल के कवि…

निगाहें

छलकते पैमाने हैं, आँखों में तेरी, मुझे मयक़शी का, नशा आ रहा है। निगाहों से कह दो, गिरफ़्तार कर लें, समर्पण करने को, दिल चाहता है। मचलते भ्रमर गुल पे,…

Poetry: अर्द्धांगिनी

मैं सदा रहूंगा ऋणी तेरा, है जब-तक तन में प्रान प्रिये! कलम लिखेगी क्या उसको, है तुमने जो एहसान किये।। भटका हुआ एक, पथिक था मैं, तुमने मंजिल का सार…

सावन की बूंदें

बरसे सावन झूम-झूम के, पुरुआ के संग कजरी गाये। प्रेयसी के अंतर्मन में, प्रेम मिलन की आस जगाये।। ह्रदय तल के मौन भाव में, प्रेम नीर बनकर बरसे। पिया मिलन…

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