Kavita: ख्वाबों को टालते लड़के
उम्मीदें सबकी संभालते हुए ख्वाबों को टालते लड़के, पूरा ही खर्च हो जाते हैं खुद का समय निकालते लड़के घर का खाना, पिता की तबीयत यही जांचते लड़के, कुछ और…
उम्मीदें सबकी संभालते हुए ख्वाबों को टालते लड़के, पूरा ही खर्च हो जाते हैं खुद का समय निकालते लड़के घर का खाना, पिता की तबीयत यही जांचते लड़के, कुछ और…
Kahani: एक समय की बात है किसी गांव में एक साधु रहते थे, वे भगवान की भक्ति में लीन रहते और निरंतर एक पेड़ के नीचे बैठ कर तपस्या किया…
फूल नहीं जानता वह कौन सा फूल है हवा भी कहाँ जानती है किस में कितनी क्षमता है जमीन भी कहाँ तय कर पाती है कौन सा फूल कब गिरेगा…
Kahani: समुद्र तट के किसी नगर में एक धनवान वैश्य के पुत्रों ने कौआ पाल रखा था। वह उस कोए को बार-बार अपने भोजन से बचे अन्न देते थे। उनकी…
Pauranik Katha: हम सभी इस सृष्टि के निर्माता के रूप में परमपिता भगवान ब्रह्मा को देखते हैं, जबकि संचालक की भूमिका भगवान विष्णु व संहारक महादेव स्वयं हैं। सृष्टि निर्माता…
Vedas: वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है। इसी के आधार पर दुनिया के अन्य मजहबों की उत्पत्ति हुई, जिन्होंने वेदों के ज्ञान को अपने अपने तरीके से भिन्न-भिन्न भाषा में…
Pauranik Katha: संसार में भगवान की भक्ति सुख और शान्ति प्राप्त करने का अमोघ साधन है। इससे उत्तम साधन और कोई नहीं है, क्योंकि भक्त को ईश्वर का आश्रय रहता…
Kahani: गाँव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वेश्या का मकान था। वेश्या के यहाँ रात−दिन लोग आते−जाते रहते थे।…
Kahani: मां वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक…
नई दिल्ली: प्रख्यात साहित्यकार गिरीश पंकज का कहना है कि संजय द्विवेदी भारतीय मीडिया के अप्रतिम विमर्शकार हैं। वे समाधानपरक पत्रकारिता और मूल्यनिष्ठ पत्रकारिता के ध्वजवाहक भी हैं। श्री पंकज…