गोंडा: कहा जाता है कि ‘बिना आग के धुंआ नहीं उठता।’ किसी भी पार्टी में नेता या प्रत्याशी के विरोध के पीछे कोई न कोई कारण जरूर होता है। कुछ लोग टिकट कटने की वजह से विरोध करते हैं, तो कुछ लोग गलत प्रत्याशी के चयन पर अपनी नाराजगी जताने को मजबूर हो जाते हैं। गोंडा जनपद के करनैलगंज विधानसभा सीट पर कुछ इसी तरह का नजारा देखने को मिल रहा है। यहां अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से अधिकत्तर दिग्गज नेता बागी होकर पार्टी से किनारा करने लगे हैं। सभी का आरोप है कि अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी ने पार्टी नेताओं की उपेक्षा की है। इसी का नतीजा रहा कि बीजेपी विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भाइया के बाद भूपेंद सिंह और दिग्विजय सिंह ने पार्टी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है।

बीजेपी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थामने वाले दिग्विजय सिंह ने पार्टी के फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा है कि वह पिछले 12 वर्षों से पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के लिए काम कर रहे थे। लेकिन इस बार बीजेपी की तरफ से बसपा की तरह नेता नहीं ठेकेदार को प्रत्याशी बनाकर पार्टी ने साबित कर दिया कि वह अभी पंडित दीनदयाल की विचारधारा से कट गई है। पार्टी के लिए काम करने के लिए उसे निष्ठावान नेता और कार्यकर्ता चाहिए और टिकट देने के लिए ठेकेदार चाहिए। अजय कुमार सिंह जिनकी पहचान एक ठेकेदार की है, पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर निष्ठावान बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं की निष्ठा को ठेस पहुंचाने का काम किया है।

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बीजेपी के इस फैसले पर हम लोगों के साथ जनता ने भी उसे सबक सिखाने का मन बना चुकी है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि करनैलगंज विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी की एक तरफा जीत होने जा रही है। हम लोग सपा को जिताने के लिए पूरी निष्ठा के साथ लगे हुए हैं और भाजपा की नीति और नियत से परेशान जनता का पूरा सहयोग हमें मिल रहा है। 10 मार्च को यह साफ हो जाएगा कि जनता को नेता चाहिए, न कि ठेकेदार।

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