नई दिल्ली। कोरोना काल के बीच, जहां जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं लोग दवा से ज्यादा ‘दारू’ यानी शराब के लिए भी परेशान दिखे। हालांकि अब संक्रमण के मामले कम होने के साथ-साथ अन्य चीजें भी सामान्य होने लगी हैं। शराब की दुकाने लगभग सब जगह खुल गई हैं। ऐसे में दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने भारतीय शराब और विदेशी शराब की होम डिलीवरी की मंजूरी दे दी है। शराब की होम डिलीवरी पाने के लिए लोगों को मोबाइल ऐप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से ऑर्डर करना होगा।
सूत्रों की मानें तो कोरोना की दूसरी लहर के दौरान दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब निर्माता कंपनियों ने दिल्ली सरकार से अप्रैल महीने में घरों पर शराब की डिलीवरी करने की अनुमति मांगी थी। उन लोगों का तर्क था कि लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब की दुकानों पर पीने वालों की लंबी लाइने लग गई थीं। बता दें कि शराब बनाने वाली घरेलू कंपनियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा था कि यहां कड़ी पाबंदियों के बावजूद भी राज्य सरकार शराब की डिलीवरी घर तक करने की अनुमति दी है।
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सीआईएबीसी के मुताबिक दिल्ली में एक हफ्ते की लॉकडाउन की घोषणा के बाद शराब की दुकानों पर काफी भीड़ जुट गई। संगठन के महानिदेशक विनोद गिरी ने का कहना है कि हमने दिल्ली में जो देखा, वह लोगों के बीच घबराहट का नतीजा था। पिछले साल लॉकडाउन का जो परिणाम था वह लोगों पर दिख रहा है। उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी शराब पीती है, और नहीं चाहते उन्हें उससे वंचित रखा जाए। सीआईएबीसी ने भरोसा जताया कि ग्राहक और शराब दुकानदार कोविड की रोकथाम से जुड़े व्यवहार यानी मास्क लगाना और उचित दूरी सहित अन्य उपायों का पालन करेंगे।
गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान शुराब की दुकाने खोलकर सरकार कुछ लोगों के निशाने पर आ गई थी। लेकिन सरकार का यह फैसला कितना सही था, इसका अंदाजा शराब पाने के लिए लगी लंबी लाइने बयां कर रही थी। मजे की बात यह है कि इस मामले में महिलाएं भी पीछे नहीं दिखीं। इस बात को समझने में केजरीवाल सरकार सबसे आगे रही। कोरोना काल में कोरोना टैक्स आदि जोड़कर दिल्ली सरकार ने अचछा राजस्व इकट्ठा किया।
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