Amit Shah In LokSabha: देश के विकास में नेतृत्व का अहम रोल होता है। जो काम करता है, गलतियां भी उसी से होती हैं। देश में सबसे ज्यादा राज करने वाली कांग्रेस पार्टी आज अपनी गलतियों की वजह से हाशिये पर है। हालांकि कांग्रेस समर्थकों को पार्टी नेताओं की गलतियां न तो दिखती है और न ही समझ में आती हैं। प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) की गलतियों की वजह से पीओके (POK) जैसे गंभीर मसले आज भी देश के लिए चुनौती बनी हुई है। इसी मसले पर बुधवार को संसद के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की ओर से पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) को लेकर दिए गए बयान पर निचले सदन में जमकर नोंक-झोंक देखने को मिली।

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने सच स्वीकारने की जगह आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के मंत्री और बीजेपी (BJP) के कई नेता कश्मीर की बात आने पर प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की अनावश्यक आलोचना शुरू कर देते हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सदन में एक बार पूरे दिन चर्चा करा ली जानी चाहिए, जिससे ‘दूध का दूध और पानी का पानी’ साफ हो जाए। अधीर रंजन (Adhir Ranjan Chowdhury) के इस बयान पर अमित शाह ने कहा कि वह ऐसी चर्चा के लिए तैयार हैं।

शाह पर लगाया तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप

कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का भी आरोप लगाया। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री ने ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ पर चर्चा में शामिल होते पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर नेहरू पर बयान दिया था। शाह ने सदन में पाक अधिकृत कश्मीर (Pakistan occupied Kashmir) का जिक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर के संबंध में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित नेहरू की दो ‘गलतियां’ याद दिलाईं। शाह के बयान पर बौखलाए कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने कहा, ”अमित शाह अपने हिसाब से बयान देते हैं, जबकि उस समय की स्थिति के हिसाब से वह फैसला लिया गया।”

कश्मीर को मिली नेहरू की गलतियों की सजा

सदन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ”नेहरू के समय में जो ब्लंडर हुआ था, उसका खामियाजा कश्मीर को भुगतना पड़ा। उन्होंने कहा, मैं मान्यवर इस सदन में खड़ा रहकर आपके आसन के समक्ष जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री काल में जो दो बड़ी गलतियां हुईं, उनके लिए गए निर्णयों से हुईं, इसके चलते कश्मीर को सालों तक सहन करना पड़ा।”

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शाह ने कहा, ”सबसे बड़ी गलती- जब हमारी सेना जीत रही थी, तो पंजाब का एरिया आते ही सीजफायर कर दिया गया और पाक अधिकृत कश्मीर का जन्म हुआ। अगर सीजफायर का निर्णय तीन दिन लेट लिया गया होता, तो पाक अधिकृत कश्मीर आज भारत का हिस्सा होता। जबिक दूसरा- यूएन के अंदर हमारे मसले को ले जाने की बहुत बड़ी गलती की गई थी।

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