नई दिल्ली। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले रहे तीसरे टेस्ट मैच के पांचवे दिन रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने अंगद की तरह अंत तक क्रीज डांटे रहे। तीसरा टेस्ट जीतने के लिए ऑस्ट्रेलिया ने टीम इंडिया को 407 रन का लक्ष्य दिया था। मैच भले ही भारत जीत न पाया हो लेकिन इस मैच ड्रा कराना टीम इंडिया के लिए मैच जीतने के बराबर ही है।
चोटिल होने के बाद भी रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी क्रीज अंत तक मौजूद रहे। भारत ने अपनी दूसरी पारी में 131 ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 334 रन बनाए हैं। बिहारी ने 161 गेंदों को खेलकर 23 रन बनाए जबकि आश्विन ने 128 गेंदों का सामना किया और 39 रन की पारी खेली। इस मैच के ड्रा होने के बाद जहां ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मायूस हैं तो वहीं टीम इंडिया के खिलाड़ियों और फैंस के चेहरे पर खुशी है।
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इस मैच के ड्रा होने के बाद जहां ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी मायूस हैं तो वहीं टीम इंडिया के खिलाड़ियों और फैंस के चेहरे पर खुशी है। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन को विहारी का कैच छोड़ना महंगा पड़ा है। मैच 123वें ओवर में मिचेल स्टार्क की पांचवीं गेंद पर पेन ने कैच छोड़ा था। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के आज तीन कैच छोड़े हैं।
जब विहारी का कैच छोड़ा था तब वो 15 के स्कोर पर थे। पेन ने दो कैच ऋषभ पंत के छोड़े थे, पंत ने टीम के लिए 97 रन की पारी खेली। पंत जब तक क्रीज रहे तब तक ऑस्ट्रेलियाई टीम को अपनी हार दिखती रही, लेकिन जैसे ही पंत आउट हुए तो भारत की मुसीबत बढ़ गई।
पंत के जहां अपने शतक से सिर्फ तीन रन से चुके। वहीं कुछ देर बाद ही पुजारा भी 77 के स्कोर पर आउट हो गए हैं। उस वक़्त टीम का स्कोर था पांच विकेट के नुकसान पर 272 रन। यहां से जीत मिलना तो मुश्किल था लेकिन अगर टीम इंडिया इस मैच को ड्रा करा दे, उतना ही काफी था। विहारी और आश्विन ने इस चुनौती को स्वीकार किया और अंत तक आउट नहीं हुए।
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