Varanasi: अखिल भारतीय संत समिति (Akhil Bhartiya Sant Samiti) के राष्ट्रीय महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती (Swami Jitendranand Saraswati) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के प्रति आभार व्यक्त किया है। अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी को अवकाश की घोषणा का स्वागत करते हुए अखिल भारतीय संत समिति ने कहा कि मुख्यमंत्री के सात्विक नेतृत्व में अयोध्या धाम का आयोजन विश्व के सभी सनातन मतावलंबियों और राम भक्तों का आयोजन है इसलिए इस दिन अवकाश अवश्य होना चाहिए।

अखिल भारतीय संत समिति (Akhil Bhartiya Sant Samiti) इस बारे में पहले ही प्रधानमंत्री को पत्र भी लिख चुकी है। स्वामी जीतेंद्रानंद ने बताया कि अखिल भारतीय सन्त समिति सनातन हिन्दू धर्म के 127 सम्प्रदायों का सर्वोच्च निकाय है। पूज्य सन्तों, हिन्दू समाज के वरिष्ठ जनों से परामर्श कर के अखिल भारतीय सन्त समिति ने प्रधानमंत्री से कहा है कि विगत 495 वर्षों के संघर्ष तथा 77 युद्धोपरान्त आपके प्रधानमन्त्रित्व काल में सुप्रीम कोर्ट के संविधान बेंच के सर्वसम्मत निर्णय से भगवान श्रीराम की जन्मभूमि हिन्दू समाज को प्राप्त हुई, परन्तु हम कानून की कोई समस्या पैदा न हो इसलिए प्रसन्नता व्यक्त करने से बचते रहे।

5 अगस्त, 2020 को आपके द्वारा भूमि-पूजन के कालखण्ड में कोरोना प्रकोप के कारण सार्वजनिक उत्सव नहीं हो सके थे, जबकि हिन्दू समाज के लिए पिछले हजार वर्ष में यह एक ऐतिहासिक क्षण था। अब पुन: जब मन्दिर के प्रथम तल के निर्माण के बाद भगवान राम लला अपनी जन्मभूमि पर पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी संवत 2080 तद्नुसार 22 जनवरी, 2024 को विराजेंगे, उस समय पूरे विश्व का सनातन धर्मावलम्बी हिन्दू समाज यह उत्सव मनाएगा। जब आप रामजन्मभूमि के गर्भगृह में बैठकर आचार्यों के साथ प्राण-प्रतिष्ठा कर रहे होंगे, उस समय टीवी चैनलों पर पूरी दुनिया आपको और श्रीरामजन्मभूमि को पवित्र भाव से देख रही होगी। ऐसे में पति ऑफिस में, पत्नी घर पर और बच्चे स्कूल में रहेंगे तो सबका मन दर्शन से अधूरा रह जाएगा।

इसे भी पढ़ें: श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह ‘राष्ट्रीय उत्सव’

श्रीरामचरितमानस की यह उक्ति मैं सेवक समेत सुत नारि का भाव अधूरा रह जाएगा। इस वर्षों के संघर्षों के समापन तथा भारत राष्ट्र के परमवैभव के प्रारम्भ काल के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने के लिए सपरिवार घर और मन्दिरों में होना आवश्यक है। संविधान के मूल अधिकार में धर्म-स्वतन्त्रता के हमारे अधिकार को पोषित भी करता है। अतः 22 जनवरी, 2024 को राष्ट्रीय अवकाश (केवल इस वर्ष) घोषित कर समस्त हिन्दू समाज को श्रीरामजन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठ महोत्सव के ऐतिहासिक क्षणों का साक्षी बनने में भारत सरकार महती कृपा करें। अखिल भारतीय सन्त समिति आपकी सदैव आभारी रहेगी।

इसे भी पढ़ें: राष्ट्र के पुनर्निर्माण का आधार बनेगा राम मंदिर

Spread the news