पिथौरागढ़: खुशी कब गम में बदल जाए कुछ कहा नहीं जा सकता। दुल्हन को भी नहीं आभास रहा होगा कि जो भाई उसे विदा कराने सुसराल तक पहुंचाने आए हैं वह अब लौट कर घर वापस नहीं जाएंगे। अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ की सीमा के निकट बहने वाली सरयू नदी में नहाने गए पांच युवकों की डूबने सौ मौत हो गई है। मरने वाले सभी रिश्ते में दुल्हन के भाई हैं जो परंपरा के मुताबिक विदाई के बाद दुल्हन को उसके मायके छोड़ने आए थे। वहीं मृतकों में एक दुल्हन का सगा और एक चचेरा भाई भी शामिल है।

जानकारी के अनुसार सेराघाट के रामपुर से एक दिन पहले एक बारात गणाईगंगोली के धौलियाइजर कूना गांव गई थी। यहां से बारात लौटने पर परंपरा के मुताबिक दुल्हन के भाई और चचेरा भाई सहित तीन अन्य युवक दुल्हन को छोड़ने के लिए उसके ससुराल रामपुर आए हुए थे। बुधवार की सुबह रवींद्र कुमार 15 वर्ष पुत्र गोकुल राम, साहिल कुमार 15 वर्ष पुत्र पूरन राम, मोहित कुमार 17 वर्ष पुत्र अशोक कुमार, पीयूष कुमार 15 वर्ष पुत्र कृष्ण कुमार, राजेश कुमार 16 वर्ष पुत्र खीम राम निवासी धौलियाइजर गांव कूना गणाई गंगोली रामपुर से थोड़ी दूरी पर बहने वाली सरयू नदी में नहाने गए थे। इन किशोरों को पहले से नदी के बहाव और गहराई का कोई अंदाजा नहीं था।

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नदी में उतरते ही ये लोग डूबने लगे। चूंकि जिस घाट पर ये लोग नहा रहे थे, वहां से दूर—दूर तलक कुछ नजर नहीं आता। हालांकि जब ये लोग डूब रहे थे तो कुछ लोगों ने इन्हें देख लिया। वो लोग बचाने के लिए दोड़े भी पर जब तक नदी तक पहुंचे ये लोग डूब चके थे। ग्रामीणों ने इसकी सूचना सेराघाट पुलिस चौकी को दी। मौके पर पुलिस और राजस्व की टीम पहुंच गई और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू किया गया। सभी शवों को बरामद कर लिया गया है। इनमें रिश्ते में सभी दुल्हन के भाई लगते थे, जिसमें दुल्हन का एक सगा और एक चचेरा भाई भी है। फिलहाल पुलिस पंचनाम भराकर शव को कब्जे में ले लिया है। वहीं दुल्हन के मायके और ससुराल दोनों जगह खुशी की जगह मातमी सन्नाटा पसर गया है। वहीं घटना की जानकारी होने पर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने घटना पर दुख व्यक्त किया है।

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