लखनऊ: कोरोनावायरस के संभावित तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। सरकार ने 3 प्रतिशत से अधिक कोविड 19 वाले राज्यों से आने वाले लोगों को कोरोना की निगेटिव जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में महाराष्ट्र, केरल और तमिलानाडू व अन्य राज्यों से यूपी में आने के लिए कोरोना की निगटिव रिपोर्ट अनिवार्य हो गया है। बिना इसके राज्य में आने वालों को नो एंट्री कर दिया गया है। इतना ही नहीं कोरोना की दोनों डोज ले चुके लोगों को भी उत्तर प्रदेश में प्रवेश दिया जा सकेगा।

मुख्यमंत्री ने टीम-9 के अधिकारियों के साथ बैठक में विचार विमर्श करके यह अहम निर्णय लिया है। कोविड की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए योगी सरकार का यह महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले काफी ज्यादा हैं। ऐसे में जिन राज्यों में तीन प्रतिशत से अधिक पॉजिटिव की दर हो उन राज्यों से यूपी में आने वाले लोगों के लिए आरटीपीसीआर की निगेटिव जांच रिपोर्ट का होना जरूरी किया जाए, और यह यात्रा शुरू होने से चार दिन से ज्यादा पुरानी न हो।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली है, उन्हें छूट दिया जा सकता है। साथ ही सड़क, वायु व रेल मार्गों के अलावा निजी साधनों से प्रदेश में आ रहे लोगों के लिए भी यह नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं। अन्य राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाले लोगों की गहन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और टेस्टिंग की जाए।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि प्रदेश में आने वाले यात्रियों के एंटीजन टेस्ट और थर्मल स्कैनिंग जरूर किए जाएं। इस दौरान अधिकारियों ने सीएम योगी को बताया कि अलीगढ़, चित्रकूट, हाथरस, कासगंज, महोबा, शामली तथा श्रावस्ती में अब कोरोना मुक्त हो चुके हैं। इन जिलों में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। वहीं शनिवार को प्रदेश के किसी भी जिले में दहाई अंक में नये मामले सामने नहीं आए हैं। वहीं राज्य के 47 जिले कोरोना को मात दे चुके हैं।

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