UP Politics: चुनाव में जीत-हार तो लगी रहती है। चुनावी मैदान में उतरते तो कई दलों के प्रत्याशी है, लेकिन जीत सिर्फ एक को ही मिलती है। घोसी विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी की हार की चर्चा हर जगह हो रही है। चर्चा होनी भी चाहिए, क्योंकि इसके कई कारण हैं। बीजेपी ने घोसी में ऐसे प्रत्याशी को उतारा था, जो इससे पहले सपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) के बीजेपी में शामिल होने की वजह से घोसी की सीट रिक्त हो गई थी। बीजेपी के पिछड़े से आने वाले प्रत्याशी दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) के मुकाबले सपा ने सवर्ण उम्मीदवार सुधाकर सिंह को मैदान में उतारा था। हालांकि यहां वोटों का समीकरण सपा के पक्ष में था, बावजूद इसके खुद को पिछड़ों के वोटों का ठेकेदार समझने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (OP Prakash Rajbhar) और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद को दारा सिंह चौहान के प्रचार की कमान सौंप दी। ऐसे में बीजेपी की हार के बाद इसकी जिम्मेदारी भी इन दोनों पिछड़े नेताओं के सिर फोड़ी जा रही है। वहीं सपा बीजेपी की हार का ठीकरा ओपी राजभर पर फोड़ रही है।

बड़बोलापन बनी मुसीबत

दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) के प्रचार के दौरान एनडीए गठबंधन में शामिल बड़बोले नेता ओमप्रकाश राजभर ने जीत का जो दावा किया था, वह अब उनके लिए मुसीबत बन गई है। जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी की तरफ से ओमप्रकाश राजभर (OP Prakash Rajbhar) को टारगेट किया जा रहा है, वहीं गठबंधन के अंदर भी उनको लेकर फुसफुसाहट शुरू हो गई है। घोसी के चुनाव नतीजे आते ही एनडीए में शामिल संजय निषाद ने ओपी राजभर (OP Prakash Rajbhar) को कम बोलने की सलाह दे डाली। यानी बीजेपी व एनडीए गठबंधन में शामिल नेताओं को भी लगने लगा है कि ओमप्रकाश राजभर (OP Prakash Rajbhar) का बड़बोलापन पार्टी को नुकसान पहुंचा सकता है।

बीजेपी के बड़े नेताओं से मिलेंगे राजभर

घोसी चुनाव में हार का ठीकरा अपने ऊपर फोड़े जाने से ओपी राजभर नाराज बताए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस बात को लेकर जल्द ही वह बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात भी कर सकते हैं। बता दें कि संजय निषाद ने भी ओमप्रकाश राजभर को कम बोलने की सलाह दे चुके हैं। वहीं समाजवादी पाटीर की तरफ से उन पर लगातार हमले किए जा रहे हैं। चुनाव के दौरान राजभर की तरफ से सपा पर की गई टिप्पणियों से सपाइयों में खासी नाराजगी है। यही वजह है कि सपाई हार के बाद लगातार ओपी राजभर की खिंचाई कर रहे हैं।

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लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को तगड़ा झटका

लोकसभा चुनाव में यूपी की सभी 80 सीटों पर जीत दर्ज करने का लक्ष्य लेकर चल रही बीजेपी को चुनाव से पहले घोसी में तगड़ा झटका लगा हैं। लोकसभा चुनाव से पहले घोसी उप चुनाव बीजेपी व विपक्षी दलों के लिए टेस्ट के तौर पर देखा जा रहा था। इस टेस्ट में बीजेपी जहां फेल हुई है, वहीं सपा को बूस्टर डोज मिल गई है। घोसी जीत के बाद सपाइयों का उत्साह चरप पर पहुंच गया है। हालांकि विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल होने के चलते सपा के सामने सीट बंटवारे का संकट बना हुआ है। ऐसे में यह देखना दिलचस्पा होगा, लोकसभा चुनाव तक यूपी में गठबंधन इंडिया का क्या हश्र होगा।

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