Opposition Meet: जनता साथ है तो सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता, लेकिन वर्तमान की राजनीति में विपक्ष इन बातों से बेपरवाह बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए विपक्षी दलों को साथ लाने में लगा है। विपक्ष का लग रहा है कि सभी दल साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो पीएम मोदी को हराया जा सकता है। हालांकि वर्ष 2014 की अपेक्षा पीएम मोदी का ग्राफ देश में काफी गिरा है, बावजूद इसके वह विपक्ष के लिए आज भी बड़ी चुनौती बने हुए हैं। परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोपों में सत्ता से बाहर हुए राजनीतिक दलों को अब लग रहा उनके साथ आने से जनता उनका साथ देगी। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं कि उन्हें जनता का सहयोग मिलता रहा तो वह इसी तरह भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करते रहेंगे।
जनता में पीएम मोदी के विश्वास को इसी से समझा जा सकता है कि चुनाव कोई भी बीजेपी मोदी के सहारे मैदान में उतरती है। देश के कई राज्यों में बीजेपी की सरकार होने के बावजूद पार्टी चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी के नाम की आज भी जरूरत है। पीएम मोदी की विजय यात्रा को रोकने के लिए विपक्षी दल पहले भी एक साथ आ चुके हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में इसका कोई खास असर अब तक देखने को नहीं मिला। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले क्षेत्रीय दलों के साथ विपक्ष एक मंच पर आने को आतुर दिख रहा है। बीते दिनों इसी सिलसिले में बिहार में विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक हुई थी, जिसमें आम आदमी पार्टी बैठक बीच में छोड़कर चली गई। सीएम अरविंद केजरीवाल का कहना है कि वह कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं करेंगे।
विपक्षी दलों के नेताओं की दूसरी बैठक शिमला में होने वाली थी, लेकिन गुरुवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि विपक्षी पार्टियों की अगली बैठक 13-14 जुलाई को शिमला की जगह बेंगलुरु में होगी। बता दें कि इससे पहले यह बैठक 10-12 जुलाई को शिमला में होनी थी। शरद पवार ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान 23 जून की बैठक का जिक्र करते हुए कहा पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीएम मोदी की बेचैनी बढ़ गई है।
इसे भी पढ़ें: प्रताप भानु कैसे बना रावण
गौरतलब है कि बिहार की राजधानी पटना में हुई विपक्षी नेताओं की बैठक में 15 दलों के नेता शामिल हुए थे। इस बैठक में सभी पार्टियों के नेताओं ने एकजुटता दिखाने का प्रयास किया था। बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हारने को लेकर प्लानिंग की गई। इस बैठक के बाद ये बताया गया था कि विपक्षी एकता की अगली बैठक अगले महीने शिमला में होगी। इसी बैठक में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने चिरपिरचित अंदाज में राहुल गांधी को दूल्हा बनने की सलाह दी थी। उन्होंने कहा था कि आप दूल्हा बनिए हम लोग बाराती बनने को तैयार हैं।
इसे भी पढ़ें: भारतीय जन संचार संस्थान में ‘महफ़िल-ए-मीडिया’ का आयोजन