Ruckus in Patna: पटना में शुक्रवार को उस वक्त सियासी माहौल गर्मा गया जब कांग्रेस की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा के दौरान कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार और यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदयभान सहित 30 से अधिक नेताओं और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

सीएम आवास की ओर बढ़ रही थी पदयात्रा

यह पदयात्रा राज्यभर से जुटे युवाओं और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास की ओर बढ़ रही थी। प्रदर्शन का उद्देश्य था राज्य में बेरोजगारी और युवाओं के पलायन के मुद्दों को सरकार के सामने उठाना। लेकिन जैसे ही यात्रा राजपुर पुल के पास पहुंची, पुलिस ने उसे वहीं रोक दिया। प्रदर्शनकारियों द्वारा बैरिकेड्स पार करने की कोशिश के चलते पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।

कन्हैया कुमार का तीखा हमला

हिरासत में लिए जाने के बाद कन्हैया कुमार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हम मांग कर रहे हैं कि लोगों को उनके घरों में नल के जरिए पानी मिले, लेकिन सरकार युवाओं पर वाटर कैनन चला रही है। हम पानी की बौछारें नहीं, नलों में पानी चाहते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार जब जनता की मूलभूत जरूरतें पूरी नहीं कर पा रही है, तो लोकतांत्रिक विरोध प्रदर्शन का भी गला घोंट रही है।

सचिन पायलट भी पहुंचे समर्थन में

इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस के बड़े नेताओं का समर्थन भी मिला। राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट खुद इस पदयात्रा में शामिल हुए। उनके साथ बिहार कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे। यात्रा में युवाओं की बड़ी भागीदारी देखने को मिली।

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प्रशासन का पक्ष

पटना के सिटी मजिस्ट्रेट एमएच खान ने बताया कि सीएम आवास एक प्रतिबंधित क्षेत्र है और वहाँ किसी भी प्रकार की रैली या जुलूस की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की और आगे बढ़ने लगे, तब स्थिति के बिगड़ने की आशंका में हमें वॉटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। लाठीचार्ज नहीं किया गया। इस घटना ने बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है। बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों को लेकर उठाए गए इस आंदोलन ने सरकार और प्रशासन की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। अब देखना यह है कि कांग्रेस इस आंदोलन को और कितना आगे ले जाती है और सरकार इसका क्या जवाब देती है।

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