
बाहों में बहु बल था
उत्साह महा प्रबल था
वीरों का सुगठित दल था
पर लड़कर हम क्यों हारे?
क्षत्रिय रक्षा का हल था
क्षत्राणी युग संबल था
जौहर करना पड़ा उन्हें
लड़ वीर मरे क्यों सारे?
प्रश्नों का उत्तर खोजो
य़ह यक्ष प्रश्न है तेरा
उत्तर भी तुमको देना
चाहो जो सुखद सवेरा!
अब मौन नहीं रह सकते
नव युग ने तुम को टेरा
सूर्योदय का शुभ समय
जग का होगा दूर अंधेरा।
– बृजेंद्र
इसे भी पढ़ें: सब बनिये पूर्ण समर्थ
इसे भी पढ़ें: कहीं अंधेरा ना रह जाए