पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर वित्त मंत्री ने जताया अफसोस, दिया यह जवाब

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Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर महंगाई निर्भर करती है। लगातार पेट्रो मुल्य में जारी वृद्वि के चलते लोगों पर इसका व्यापक असर पड़ रहा है। वहीं पेट्रो मूल्य वृद्वि पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान सामने आ रहा है। उन्होंने इसे अफसोसजनक मुद्दा बताते हुए कि ​कीमतों में कमी करने के सिवाय कोई और जवाब लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकता। इसके लिए केंद्र और राज्य दोनों को उपभोक्ताओं के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमी लाने का प्रयास करना होगा। चेन्नई में बात करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि OPEC देशों ने उत्पादन का जो अनुमान लगाया था, वह भी नीचे आने आने लगा है जो फिर से चिंता बढ़ा रही है।

उन्होंने कहा, तेल के दाम पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। तकनीकी तौर पर इसे मुक्त कर दिया गया है। तेल कंपनियां ही कच्चा तेल आयात करती हैं, रिफाइन करती हैं और बेचती हैं, इसमें सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। ज्ञात हो कि इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी कह चुके हैं कि पेट्रोल और डीज़ल के दाम वैश्विक बाज़ार तय करता है, हमारी तरफ से समय समय पर मंहगाई कम करने के लिए दाम घटाया गया है। भारत सरकार दाम कम करने के लिए कृतसं​कल्पित है। जबकि विपक्ष पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर बना हुआ है। AAP नेता राघव चड्ढा ने पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बढ़ोतरी पर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार जिस तरह से देश को लूट रही है, गरीब लोगों की कमर तोड़ने का प्रयास कर रही है तथा लोगों की जेब पर डाका डाल रही है, इस देश के इतिहास में ऐसा किसी भी सरकार ने नहीं किया होगा।

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इसी क्रम में राज्य राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा जब पेट्रोल-डीज़ल मंहगा हो जाता है, तो मंहगाई भी बढ़ जाती है। भाजपा सरकार ने मंहगाई बढ़ाकर पूरे मध्यम वर्ग, गरीब, किसान, नौजवान सबके ऊपर बोझ डाल दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जनता पर इतनी मंहगाई का बोझ डाल दिया है कि गरीब यह सोच रहा है कि हम बचाएं क्या और खाएं क्या?

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