मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की राजनीति को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा काफी सक्रिय बनी हुई है। वहीं वजह है कि हर मुद्दे पर उनकी पैनी नजर बनी रहती है। हाथरस कांड को लेकर उन्होंने जो संघर्ष किया वह किसी से छिपा नहीं है। वहीं इस समय कृषि कानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन को कांग्रेस का पूर्ण समर्थन मिल रहा है। इसे इस तरह से भी समझाा जा सकता है कि किसानों के आंदोलन का सूत्रधार कांग्रेस पार्टी ही है। किसानों के मुद्दे को भुनाने में कांग्रेस काफी हद तक सफल भी हुई है। क्योंकि पंजाब नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए। वहीं पश्चिमी यूपी में भाजपा के खिसकते जनाधार को भुनाने में अब प्रियंका गांधी जी जान से जुट गई हैं। इसी कड़ी में उन्होंने आज मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत में हिस्सा लिया।

किसानों को अपमानित करने का लगाया आरोप

किसान महापंचायत में उन्होंने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि दिल्ली में किसानों को अपमानित किया गया, उन्हें ‘देशद्रोही’ और ‘आंदोलनजीवी’ तक कहा गया। दिल्ली की सीमा प्रधानमंत्री के आवास से महज पांच किलोमीटर दूर है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया का भ्रमण कर सकते हैं, लेकिन लाखों किसानों के पास जाकर उनके आंसू नहीं पोछ सकते। उनकी राजनीति केवल अपने खरबपति मित्रों के लिए है। उन्होंने कहा कि यहां आना मेरा धर्म है और यहां आकर मैंने किसी पर कोई एहसान नहीं किया है। पीएम मोदी ने किसानों की बात सुनने की जगह उनका मजाक बनाया। उन्हें परजीवी और आंदोलनजीवी तक कह डाला। इतना ही नहीं राकेश टिकैत के आंखों में आंसू आते हैं तो पीएम मोदी के होठों पर मुस्कान।

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प्रियंका ने महापंचायत के संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी भ्रमण करने के लिए दो हवाई जहाज खरीदे, जिनकी कीमत 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की है। उनके पास हवाई जहाज खरीदने के पैसे हैं लेकिन किसानों के भुगतान के लिए नहीं है। नए संसद भवन, इंडिया गेट की सुंदरता के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की स्कीम बन रही है मगर किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान देने के लिए पैसे नहीं है। उन्होंने कहा कि पुरानी कहानियों में अंहकारी राजा हुआ करते थे। जैसे-जैसे उनका साम्राज्य बढ़ता जाता था, वो महल में बंद हो जा रहे थे। प्रजा उनके सामने सच्चाई कहने से डरने लगे, गिड़गिराने लगे, जिससे उनका अहंकार और बढ़ने लगा। हमारे प्रधानमंत्री भी उन्हीं अहंकारी राजाओं की तरह बन गए हैं। वह यह भूलने की गलती कर रहे हैं कि जो जवान इस देश की सीमा को सुरक्षित रखता है, वह जवान भी किसान का ही बेटा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस जवान और किसान का आदर करना चाहिए।

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