नई दिल्ली। सोशल मीडिया के आने के बाद अभिव्यक्ति की सीमा के निर्धारण की बातें भी तेज हो गई हैं। वहीं पाकिस्तान सरकार मीडिया को लेकर जो नए नियमों को तैयार किया है, जिसको यहां हंगामा खड़ा होना शुरू हो गया है। विपक्षी दल पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पकिस्तान मुसिलम लीग नवाज ने नए कानून के प्रस्ताव को विरोध करते हुए इसे मीडिया मार्शल लॉ करार दिया है। बता दें कि इमरान सरकार पाकिस्तान मीडिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी ऑर्डिनेंस 2021 लाने की कोशिश में है, जिसे लेकर पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि सरकार का यह मीडिया पर नियंत्रण की कोशिश है। इसके माध्यम से सरकार मीडिया संस्थानों को अपना अपने अंकुश में करना चाह रही है।

जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने इस नए कानून के तहत मीडिया से जुड़े कई कानूनों के विलय का प्रस्ताव रखा है। इस नए कानून के जरिए प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से लेकर डिजिटल मीडिया तक की नियमावली तय कर दी जाएगी। पाकिस्तान सरकार के अनुसार नए कानून के तहत एक अथॉरिटी का गठन किया जाएगा, जो सभी तरह के मीडिया की नियमावली तय करेगी। सरकार के इस नए नियमों के तहत देश में अखबार और डिजिटल मीडिया के संचालन के लिए भी टीवी चैनलों की भांति लाइसेंस की लेने होंगे। इतना ही नहीं इस ड्राफ्ट में नेटफ्लिक्स, यूट्यूब चैनलों, अमेजन प्राइम, वीडियो लॉग्स आदि को लेकर भी नियमावली तय करने का प्रस्ताव है।

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बताया जा रहा है इस अथॉरिटी में कुल 11 सदस्य और एक चेयरपर्सन होगा। इन लोगों की नियुक्ति केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति की तरफ से की जाएगी। बता दें कि विवाद इन प्रावधानों को लेकर नहीं खड़ा हुआ है, विरोध केवल सेना और सरकार पर मीडिया के तंज कसने पर रोक को लेकर है। इस प्रस्तावित कानून के ड्राफ्ट में स्पष्ट किया गया है कि किसी भी मीडिया की तरफ से सेना, संसद, सरकार और उसके मुखिया को लेकर तंज नहीं कसा जाएगा, जिसके चलते किसी तरह की हिंसा या फिर मानहानि की बात सामने आती हो। इस नए नियम को लेकर ही इस नए कानून का विरोध शुरू हो गया है।

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