Lucknow News: महिला सुरक्षा के दावों के बीच राजधानी लखनऊ के एक मंदिर में साध्वी के साथ सामूहिक दरिंदगी का मामला सामने आया है। इस घटना के सामने आने के बाद समाज का वह गंदा चेहरा उजागर हो गया है, जिसके आड़ में सरकार और पुलिस को कठघरे में खड़ा करके बचने की कोशिश होती रहती है। जबकि सरकार का काम कानून बनाना और पुलिस का काम कानून का पालन कराना है। खेत-खलिहान, आश्रम-घर, ऑफिस-पार्क, दरगाह-मेला आदि जगहों पर महिलाओं से हो रहे दुराचार के मामले यह बताने के लिए काफी हैं कि हमारा समाज कितना गंदा हो चुका है। हवस में लोग इतने अंधे हो चुके हैं कि उन्हें अपने-पराए और सामाजिकता से कोई मतलब नहीं रह गया है।

बच्चियों के साथ दरिंदगी की घटनाएं आज के इंसान रूपी दरिंदों की पहचान बनती जा रही है। घटनाओं के बाद पुलिस और सरकार पर दोष मढ़ दिया जाता है, जबकि दोषी हम सबके बीच का और इसी समाज का होता है। राजधानी लखनऊ के गोमतीनगर के जानकी मंदिर आश्रम में चार साधकों ने एक साध्वी को नशीला पदार्थ खिलाकर सामूहिक दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया है। साध्वी के विरोध करने पर उसे प्रताड़ित किया गया और जान से मारने की धमकी भी दी गई।

इस संबंध में साध्वी ने गोमतीनगर थाने में चारों साधकों के खिलाफ दुष्कर्म करने का मुकदमा दर्ज कराया है। पीड़िता का आरोप है कि आश्रम के महंत से शिकायत करने पर उन्होंने आरोपियों का ही पक्ष लेते हुए कहा कि यहां रहना है तो यह सब सहना पड़ेगा। वहीं एडीसीपी पूर्वी का कहना है कि पीड़िता के आरोपों की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।

पीड़िता मूल रूप से प्रयागराज के करछना की रहने वाली है। पुलिस को दिए जानकारी में साध्वी ने बताया है कि पहले मथुरा के रुकमणि बिहार आश्रम में रहती थी। एक साल पहले वह माघ मेले के दौरान प्रयागराज में गई थी। यही पर उसकी मुलाकात एक साधिका से हुई थी। साधिका ने उसे बताया था कि वह गोमतीनगर स्थित जानकी मन्दिर से आई है। माघ मेला समाप्त होने तक दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। सावन में साध्वी की दोस्त साधिका वृंदावन स्थित रुकमणि बहार आश्रम में आयी थी। यहां करीब 20 दिनों तक दोनों साथ रही थी। इसी बीच साधिका ने उसे बताया था कि जानकी मन्दिर आश्रम के महंत हनुमान दास ने उसे अपने आश्रम में बुलाया है। साधिका के कई बार कहने पर वह गोमतीनगर के इस आश्रम में आकर रहने लगी। चार अक्टूबर को उसकी दोस्त साधिका भाई की तबीयत खराब होने की बात कहकर वाराणसी चली गई।

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पीड़िता के मुताबिक साधिका के वाराणसी जाने के बाद चार अक्टूबर को ही साधक दुर्वासा ने खाने में उसे नशीला पदार्थ दे दिया। जिसे खाने के बाद वह बेसुध हो गई। इसके बाद दुर्वासा के साथ छोटे मौनी, बड़े मौनी और मनमोहन दास ने उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। देर रात होश में आने पर साध्वी ने खुद को निर्वस्त्र पाया। जबकि चारों आरोपित भी उसके पास खड़े थे। उसने शोर मचाने की कोशिश की तो उसके साथ मारपीट करते हुए उसे जान से मारने की धमकी दी गई।

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