लखनऊ: वसुंधरा फाउंडेशन लखनऊ ने आजादी की 75वी वर्षगांठ के महोत्सव पर साल भर होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला का आज शुभारंभ किया। वसुंधरा फाउंडेशन एवं कोरबा मितान मंच के संयुक्त तत्वावधान में भारत छोड़ो आन्दोलन की 79वीं वर्षगांठ पर 9 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन-राष्ट्रप्रेम का उत्कर्ष विषय पर आनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। संगीता श्रीवास्तव की सरस्वती वंदना से शुभारंभ के बाद वसुंधरा फाउंडेशन के संयोजक राकेश श्रीवास्तव ने कोरबा मितान मंच के पदाधिकारियों को जुड़ने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उप्र और छत्तीसगढ़ के दो साहित्यिक, सामाजिकऔर सांस्कृतिक संगठनों का एक मंच पर आना सहयोग और समन्वय की एक मिसाल बनेगा।

एनसीआर से कार्यक्रम में जुड़ी मुख्य वक्ता ममता श्रीवास्तव (सरूनाथ) ने भारत छोड़ो आंदोलन के बारे मे बताते हुए महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की विस्तार से चर्चा की। मुजफ्फरपुर से जफर हसन ने 1857 के स्वतंत्रता संग्राम और उसके बाद अनेक आंदोलनों की पृष्ठभूमि में भारत छोड़ो आंदोलन के विषय पर प्रकाश डाला। कोरबा से शामिल मंच अध्यक्ष घनश्याम तिवारी ने इस सहयोग के लिए वसुंधरा फाउंडेशन और कोरबा मितान मंच को बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। बाराबंकी से जुड़े अवधेश कुमार शुक्ला एवं लखनऊ से शेखर श्रीवास्तव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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प्राथमिक एवं उच्चतर विद्यालय रामआसरे पुरवा लखनऊ के अध्यापक राजेंद्र शुक्ल ने वसुंधरा फाउंडेशन के कार्यों की प्रशंसा की तथा आभार प्रकट किया कि फाउंडेशन उनके विद्यालय तथा उसके छात्रों को समय-समय पर सहयोग करता है। उन्होंने कोरोना काल में संस्था द्वारा किए गए कार्यों की भी प्रशंसा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरेश चन्द्र रोहरा कोरबा से जुड़े। उन्होंने कहा कि आज जब हम स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं तो हमे पुनरावलोकन की आवश्यकता है कि देश ने गांधी जी के नेतृत्व में जिस आजादी के लिए संघर्ष किया, हम कहीं उस मार्ग से भटक तो नहीं गये हैं।

श्री रोहरा ने वसुंधरा फाउंडेशन का आह्वान करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम होते रहने चाहिए। कार्यक्रम के अध्यक्ष राम किशोर ने भारत छोड़ो आंदोलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गांधी जी के इस आंदोलन ने भारत की आज़ादी की जंग मे नई ऊर्जा प्रस्फुटित कर दी जो अंग्रेज़ी हुकूमत के अंत का कारण बनी। राम किशोर ने कहा कि वर्तमान मे हमे अपने राष्ट्रीय पुरखों को याद करते हुए उनके बताये मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।

आज ही कोरबा के प्रतिष्ठित साहित्यकार नरेश चंद्र नरेश का देहावसान हो गया। इस मंच से आपको श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा को शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। कार्यक्रम मे बाराबंकी से उमेश कुमार सिंह, लखनऊ से वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, उरई से अखिलेश यादव, मीरजापुर से अंबुज, कोरबा से रामरतन श्रीवास एवं अन्य महानुभाव जुड़े। कार्यक्रम की समाप्ति पर वसुंधरा फाउंडेशन की सचिव मीनू श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित जनों का आभार किया तथा रमाकांत श्रीवास को सफल संयोजन और संचालन के लिए विशेष बधाई दी।

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