Pranjal Mishra
प्रांजल मिश्र

Kahani: एक गांव में रामू नाम का एक लड़का रहता था। वह रोज लकड़ी काटने जंगल में जाता था। उसका दोस्त उसकी लाई हुई लकड़ियों को बेचता था। एक बार वह जंगल में लकड़ी काट रहा था। तभी उसको एक मटका दिखा। वह उस मटके को जैसे उठाया, तुरन्त उसको एक आवाज आई। तुम कुछ मांगों में तुम्हारी इच्छा पूरा करूंगा। रामू ने पीछे मुड़कर देखा वह एक जिन्न था।

उसने बोला- मुझे अमीर बना दो। जिन्न ने उसे अमीर बना दिया। यह बात जब उसके दोस्त हरिया को पता चली तो उसके मन लालच आ गया। उसने रामू से उस मटके को चुराने का मन बना लिया। हरिया दूसरे दिन उस मटके को उठाया, तो उसके पीछे भी जिन्न आ गया। जिन्न को देखकर हरिया बोला- यह घड़ा मुझे चाहिए। हरिया ने जैसे घड़े के अंदर झाका तो जिन्न ने उसे तुरंत अंदर खींच लिया।

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हरिया के नजर न आने पर रामू ने उसकी तलाश शुरू कर दी। कहीं कोई पता नहीं चलने पर उसने जिन्न से अपने दोस्त हरिया को ढूढ कर लाने को कहा। जिन्न ने तुरंत हरिया को रामू के सामने पेश कर दिया। हरिया के मुंह से चोरी की बात सुनकर रामू दंग रह गया। वह बोला- मटका चुराने की क्या जरूरत थी मेरे दोस्त इसे तो तुम मुझसे मांग कर भी ले सकते थे। इस तरह रामू ने आपने लालची दोस्त की जान उस जिन्न से बचा ली। इसी लिए कहा गया है, लालच बुरी बला है।

(कहानीकार कक्षा 3 का छात्र है।)

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