बेंगलुरु: कहने को देश कानून व संविधान से चलता है, लेकिन सच यह भी है कि कानून व संविधान का पालन कराना यहां काफी मुश्किल हो जाता है। हर सामर्थवान कानून का मजाक बनाने में ही पहनी शान समझता है। वहीं देश का एक वर्ग ऐसा भी है जो जरा जरा सी बात पर कानून को अपने हाथ में लेने से कोई संकोच नहीं करता। कहने को यह वर्ग इस देश में अल्पसंख्यक है, लेकिन उसके फैसले देश व संविधान को प्रभावित करने वाले होते हैं। कर्नाटक में हाल में शुरू हुआ हिजाब विवाद अब बड़ा रूप लेता जा रहा है। माना जा रहा था कि कोर्ट का फैसला आने के बाद यह मामला शांत हो जाएगा। लेकिन कुछ कट्टरपंथी ताकते है जो इसकी आड़ में देश को आग में झोंकने में लग गई है। हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले हाई कोर्ट के तीनों जजों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। वहीं कुछ लोग कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गए है। जजों को मारने का एक वीडियो वायरल होने पर कर्नाटक सरकार सकते में आ गई है। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है। वहीं कर्नाटक सरकार ने फैसला सुनाने वाले तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है।

गौरतलब है कि कर्नाटक हाई कोर्ट ने 15 मार्च को हिजाब मामले की सुनावई करते हुए कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा था। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस्लाम में हिजाब अनिवार्य प्रथा नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने जानकारी देते हुए बताया कि हिजाब विवाद पर फैसला सुनाने वाले तीनों जजों को ‘Y’ कैटेगरी की सुरक्षा देने का फैसला किया गया है। उन्होंने बताया कि जजों को जान से मारने वाली धमकी के संदर्भ में डीजी और आईजी को विधासौधा थाने में दर्ज शिकायत की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अवस्थी, जस्टिस कृष्णा दीक्षित और काजी एम. जैबुन्निसा की तीन सदस्यीय बेंच ने हिजाब मामले में फैसला सुनाया है।

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कर्नाटक हाई कोर्ट के तीन जजों को जान से मारने की धमकी देने पर तमिलनाडु में तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार कोर्ट के आदेश के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने पर तमिलनाडु तौहीद जमात (TNMJ) के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के मुताबिक कोर्ट के फैसले के खिलाफ तौहीद जमात ने विरोध प्रदर्शन के लिए कोरीपलायम इलाके में जनसभा का आयोजन कर कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी की है। इसके बाद तौहीद जमात के तीन पदाधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर ली गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान फैसला सुनाने वाले हाई कोर्ट के तीनों जजों की हत्या करने की धमकी दी गई है।

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