लखनऊ। कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष के हमलों को झेल रही योगी सरकार को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रदेश के चित्रकूट जेल में शुक्रवार की सुबह कैदियों के बीच हुए खूनी संघर्ष में तीन कैदियों की मारे जाने की खबर है। जानकारी के मुताबिक वर्चस्व को लेकर कैदियों के बीच जमकर फायरिंग हुई। इस घअना में अंशुल दीक्षित नाम के कैदी ने फायरिंग कर मेराजुद्दीन और मुकीम उर्फ काला को मौत के घाट उतार दिया। जबकि पुलिस की कार्रवाई में अंशुल दीक्षित भी मार दिया गया है। बताया जा रहा है मुकीम उर्फ काला पश्चिमी यूपी का नामी बदमाशा था।

Chitrakoot Jail

बताया जा रहा है कि दो दिन पहले दूसरे जेल से ट्रांसफर होकर आए कैदी की वजह से यह टकराव हुआ है। वहीं चित्रकूट जेल को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। डीप—एसपी सहित उच्च अधिकारी मौके पर पहुंच गए है। हालांकि जेल के अंदर फायरिंग की घटना से प्रशासन के भी हाथ—पांव फूल गए है। जेल के अंदर अवैध असलहा पूरे जेल प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर रहा है।

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भुगतान करने पर मिलती है हर सुविधा

जेल प्रशासन की भूमिका हमेशा से संदिग्ध रही है। कहने को अपराधियों के लिए जेल सजा होती है। पर सच यह है कि बड़े अपराधी यहां भी मौज काटते हैं। सपा सरकार में मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी सरकारी गाड़ी में घूमते थे और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगती थी। प्रशासन की यही अनदेखी पूरे सिस्टम को अपाहिज बना दिया है। सूत्रों की मानें तो जेल में उचित भुगतान करने पर सुरक्षाकर्मियों की तरफ से हर सुविधा मुहैया कराई जाती है। इससे पहले भी जेल के अंदर के कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिसमें कैदी जेल के अंदर पार्टी करते हुए तक देखे गए हैं।

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