लखनऊ: कोरोना की आसन्न तीसरी लहर बच्चों के लिए घातक बताई जा रही है। इसके लिए चिकित्सकों से अधिक जिम्मेदारी माता-पिता, अभिभावकों और शिक्षकों पर है। समय रहते इन सभी को बच्चों को इस बात के लिए तैयार करना है कि उनका रहन-सहन और व्यवहार कैसा हो? जब तक बच्चे घर में हैं माता-पिता उन्हें इस बात के लिए जागरूक करें कि उन्हें अपने दैनिक क्रियाकलापों में क्या करना है और क्या नहीं करना है? प्रस्तावित चार महीनों में हमें अपने बच्चों को कोरोना से लड़ने के लिए तैयार करना है। उनके खान-पान को बदलना है। इसके लिए अगर उनसे थोड़ा कठोर भी होना पड़े तो यह उनके हित में होगा।

उक्त बातें विशिष्ट वक्ता विशेष सचिव पर्यावरण एवं जल संसाधन ब्रह्मदेव राम तिवारी ने गुरुवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम में कहीं। इस कार्यक्रम में विद्या भारती के शिक्षक, बच्चे और उनके अभिभावक सहित लाखों लोग आनलाइन जुड़े थे, जिनकी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

विशिष्ट वक्ता वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी ने कोराना से बचने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार, प्रशासन, स्वास्थ्य और समाज से जुड़े लोगों ने दूसरी लहर को हराने के लिए जीतोड़ प्रयास किया, जिसमें हम सफल भी हुए। हालांकि पहली लहर के बाद हुई अनदेखी से दूसरी लहर विस्फोटक रूप में हमारे सामने आई। इसलिए जब तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही हो तो हमें और अधिक जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण बुहत जरूरी है, इससे हमारे शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण होता है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि टीकाकरण के बावजूद हमें मास्क पहनना और दो गज की दूरी का पालन करना जरूरी है।

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मुख्य वक्ता यूपी होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के अध्यक्ष व आरोग्य भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. बीएन सिंह ने कहा कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बच्चों को कैसे बचाएं, ये सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बच्चे कितने भी शरारती क्यों ना हों लेकिन नई चीजों को सीखने और समझने की उनकी स्पीड बड़े लोगों की तुलना में अक्सर अच्छी होती है। इसलिए बच्चों को कोरोना के बारे में और इसकी गंभीरता के बारे में जरूर बताएं। उन्होंने कहा कि बच्चे को मास्क की उपयोगिता, मास्क क्यों पहनना जरूरी है और यह कोरोना से हमें किस तरह बचाता है, जैसी सभी बातों को समझाएं।

यकीन मानिए बच्चा आपकी सभी बातों को गंभीरता से समझेगा। बस उसे बार-बार याद दिलाते रहिए। उन्होंने कहा कि बच्चे को खाना खाने से पहले हाथ धोने और अपने चेहरे को छूने से पहले हाथ सेनिटाइज करने के बारे में बताएं। उन्होंने कहा कि बच्चों को जंक फूड से दूर रखें और हेल्दी डायट से होने वाले लाभ की भी जानकारी दें। अगर बच्चे को खांसी और बुखार की समस्या हो रही है तो घबराएं नहीं। ध्यान रखें कि ये लक्षण कॉमन कोल्ड और फ्लू के भी होते हैं। लेकिन इस स्थिति में भी हाइजीन का पूरा ध्यान रखें। आप खुद भी मास्क पहनें और बच्चे को भी मास्क पहनाएं।

कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय मंत्री डॉ. जयप्रताप सिंह ने कहा कि कोराना की पहली लहर और दूसरी लहर से हमें सीख लेने की जरूरत है। पहली लहर के बाद सरकार, प्रशासन और जनता ने अनदेखी करना शुरू कर दिया, जिससे दूसरी लहर भयावह रूप में हमारे सामने आई। इसलिए हमें समय रहते जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार और चिकित्सकों द्वारा बताये गये सुरक्षा मानकों पर अवश्य पालन करें और उनका सहयोग भी करें। उन्होंने कहा कि कोरोना से डरें नहीं और निडर भी न रहें बल्कि सतर्क रहें।

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्रा, रेडक्रास सोसाइटी के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यानंद पांडेय, शुभम सिंह सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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