लखनऊ: कोरोनावायरस की तीसरी लहर में बच्चे ज्यादा प्रभावित होंगे, ये आशंका निर्मूल है। क्योंकि भारतीय परिवेश में माताओं से बच्चों को जो इम्युनिटी मिलती है, वह बहुत मजबूत है। हालांकि हमें तैयारियां रखनी होंगी, जिसका अनुभव दूसरी लहर से चिकित्सकों और प्रशासन को हो चुका है। उक्त बातें मुख्य वक्ता केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. नरसिंह वर्मा ने ने सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ कार्यक्रम में कहीं। यह कार्यक्रम विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के ऑनलाइन एप पर लाइव प्रसारित किया गया। इस दौरान एक लाख से ज्यादा लोग जुड़े और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

मुख्य वक्ता केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. नरसिंह वर्मा ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर के काफी कमजोर होने की आशंका व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि संक्रमण की अगली लहर बहुत कमजोर होगी, इसके वैज्ञानिक तथ्य भी हैं। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में बच्चों के अधिक संक्रमित होने की आशंका निर्मूल हैं, हालांकि तैयारी पूरी रखनी होगी। उन्होंने कहा कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है, उन्हें ये मां से ही मिलती है। उन्होंने कहा कि बच्चों में संक्रमण न फैले इसके लिये सरकार ने पूरी व्यवस्था कर ली है। उन्होंने कहा कि चिकित्सालयों में नवजात शिशु और छोटे बच्चों के लिए अलग से बार्ड बने हुए हैं, वहां मां के साथ और मेडिकल टीम की निगरानी में वह रह सकता है। उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर से पहले ही अधिकतर लोग वैक्सीन से आच्छादित हो चुकें होंगे। हालांकि जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई होगी, वह प्रभावित हो सकते हैं, इसलिए हमें ढिलाई नहीं करनी चाहिये।

इसे भी पढ़ें: एक विचार हैं पं. युगल किशोर शुक्ल: प्रो. संजय द्विवेदी

विशिष्ट वक्ता लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासनिक व्यवस्थाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक और स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मजबूत कर ली गई हैं। हम ऑक्सीजन के मामले में भी आत्मनिर्भर हो चुके हैं। बच्चों के लिए भी 1040 आईसीसीयू बेडों की व्यवस्था हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग और ट्रीटमेंट की रणनीति पर और संदिग्ध रोगियों की ट्रैकिंग और ट्रीटमेंट के लिए गांव-गांव और घर-घर सर्वे का किया जा रहा है। लखनऊ में दूसरी लहर के समय संक्रमण दर 30 फीसदी पहुंच गई थी, जो वर्तमान समय में जीरो फीसदी है। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में अपने परिजनों का मनोबल बनाए रखें, उन्हें सकारात्मक रखें, जिससे कोरोना को हराने में मदद मिल सकेगी। कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है, हमें सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क में ढिलाई नहीं करनी चाहिए।

कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती के अखिल भारतीय सह संगठन मंत्री यतीन्द्र ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए विद्या भारती अपने शिक्षकों और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रही है, जो ग्रामीण, शहरी और दूरदराज के क्षेत्रों में अभिभावकों और बच्चों को कोरोना महामारी से सुरक्षित रखने के लिए जागरूक करने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रत्येक अभिभावक से दस अन्य परिवारों को भी जागरूक करने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता-पिता, अभिभावकों को बच्चों की मानसिकता को समझना चाहिये, उसी के अनुरूप काम करना चाहिये। उन्होंने कहा कि माता-पिता को कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन करना चाहिए, ताकि बच्चें उनका अनुसरण कर सकें।
कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन मंत्री हेमचंद्र, प्रदेश निरीक्षक राजेन्द्र बाबू, बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्रा, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, इंडियन रेडक्रॉस सोसाइटी से सत्यानंद पांडेय, शुभम सिंह, योगेश मिश्रा सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

इसे भी पढ़ें: पूर्व पुलिस अधिकारी प्रदीप शर्मा के आवास पर छापेमारी

Spread the news