नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) ने 1970 के दशक में एशियाड गांव में कलाकारों को बेहद कम किराए पर आवंटित किए गए सरकारी बंगलों को खाली कराना शुरू कर दिया है। इनमें कई पद्मा और संगीत नाटक एकेडमी पुरस्कार प्राप्त लोगों के नाम शामिल हैं। केंद्र सरकार ने 1970 के दशक में 40 से 70 आयु वर्ग के विभिन्न कलाकारों को बेहद कम किराए पर 3 साल के कॉन्ट्रैक्ट आधार पर घर आवंटित किए गए थे। इन कॉन्ट्रैक्ट को हर 3 साल की अवधि के बाद तब से लगातार बढ़ाया जा रहा था। वर्ष 2014 के बाद सभी कलाकारों के कॉन्ट्रैक्ट की अवधि को नहीं बढ़ाया गया, जिसके बाद कलाकारों पर घर खाली करने का दबाव बढ़ता जा रहा था।

वर्ष 2020 में हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री की ओर से सभी लोगों को घर खाली करने के नोटिस जारी किया गया था। इन कलाकारों में स्वर्गीय कथक कलाकार बिरजू महाराज, ध्रुपद कलाकार वसीफुद्दीन डागर, कुचीपुड़ी कलाकार गुरु जायरमा राव और मोहिनी अट्टम कलाकार भारती शिवाजी शामिल है। इन लोगों ने सरकार के इस फैसले के बाद कोर्ट जाने का निर्णय लिया, वहीं केंद्र सरकार की तरफ से 8 कलाकारों को बंगला खाली करने के लिए 2 मई तक का समय दिया गया है।

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हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स मिनिस्ट्री के तहत आने वाले डायरेक्टर ऑफ स्टेट के अधिकारियों की ओर से बताया गया कि सरकारी बंगलों को खाली कराने की प्रक्रिया जारी है। “केंद्र सरकार की ओर से लिए गए फैसले के मुताबिक यहां रह रहे कलाकार अब सरकारी बंगलों के लिए पात्र नहीं है। दिल्ली हाईकोर्ट के एक निर्देश के मुताबिक मानवीय आधार पर सभी लोगों को घर खाली करने के लिए 25 अप्रैल 2022 तक का समय दिया गया था जो अब निकल चुका है। इस कारण हमने सभी को घर खाली करने को कहा है। 28 में से 17 कलाकार घर खाली कर चुके हैं, जबकि बाकी बचे आने वाले दिनों में खाली करने वाले हैं।”

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