स्वातन्त्र्य यज्ञ के कर्मवीर पं. माखनलाल चतुर्वेदी

कृष्णमुरारी त्रिपाठी अटल स्वातंत्र्य का शंखनाद करने वाले भारतीय चेतना के प्रखर स्वर दादा माखनलाल चतुर्वेदी का नाम जब भी कहीं गूँजता है, तब प्रायः हमारी स्मृतियों में ‘पुष्प की…

Pauranik Katha: माता पार्वती के महल लंका की कहानी

Pauranik Katha: एक बार की बात है, देवी पार्वती का मन खोह और कंदराओं में रहते हुए ऊब गया। दो नन्हें बच्चे और तरह-तरह की असुविधाएँ। उन्होंने भगवान शंकर से…

Poetry: साबरमती के सन्त

चमचे को ताज देके किया देश को बदहाल, साबरमती के सन्त तूने ये किया कमाल! थीं हाईफाई नीतियां, चेला था हवाई, उसने हमारे देश की संस्कृति ही मिटाई। अंग्रेजियत का…

Kahani: लालच का फल

Kahani: एक छोटा सा शहर था। उसी शहर में गणेश मिठाईवाले की एक बड़ी प्रसिद्ध दुकान थी। वह बहुत ही स्वादिष्ट बाल मिठाई बनाया करता था। धीरे-धीरे गणेश मिठाईवाले की…

Kahani: मन का भूत

Kahani: एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया। संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई, सेठ ने उससे पूछा- भाई यह क्या है। उसने जवाब…

Pauranik Katha: नटराज के पैरों के नीचे दबा रहने वाला राक्षस अपस्मार

Pauranik Katha: हम सभी ने भगवान शिव के नटराज रूप को कई बार देखा है। किन्तु क्या आपने ध्यान दिया है कि नटराज की प्रतिमा के पैरों के नीचे एक…

Pauranik Katha: वासना के कारण विनाश का उदाहरण है सुंद-उपसुंद की कथा

Pauranik Katha: हिरण्यकशिपु के वंशज सुंद-उपसुंद। हिरण्यकशिपु के वंश में राक्षस निकुंभ के दो पुत्र हुए, सुंद और उपसुंद। ये दोनों भाई अपने समय के शक्तिशाली राक्षस थे। दोनों में…

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