Merry Christmas 2025: क्यों मनाया जाता है क्रिसमस? जानें प्रभु यीशु के जन्म की कहानी, परंपराएं और महत्व

Merry Christmas 2025: यह वह दिन है जिसे पूरी दुनिया में उमंग, प्यार और रोशनी के त्योहार के रूप में मनाया जाता है। यह दिन ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा…

Kahani: खुद को कमजोर बना देती है दूसरे से उम्मीद

Kahani: एक बार एक बादशाह सर्दियों की शाम अपने महल में दाखिल हो रहा था, तभी उसने एक बूढ़े दरबान को देखा जो महल के मुख्य दरवाज़े पर बिलकुल पुरानी…

Deoria Sanskruti Parv: विश्व भोजपुरी सम्मेलन 13-14 दिसंबर को, भोजपुरी को मिलेगी वैश्विक पहचान

Deoria Sanskruti Parv: भोजपुरी भाषा और संस्कृति का महाकुंभ कहा जा रहा विश्व भोजपुरी सम्मेलन इस बार दो दिन तक देवरिया में धूमधाम से मनाया जाएगा। 13 और 14 दिसंबर…

Mosque & Women:: क्या वाकई मस्जिद में महिलाओं के नमाज पढ़ने पर है प्रतिबंध, जानें क्या है असलियत

Mosque & Women: हर धर्म के अपने तौर-तरीके और परंपराएं होती हैं। इस्लाम धर्म में भी कुछ नियम हैं, जिन पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं। इनमें से एक बड़ा…

कर्नाटक का रहस्यमयी मंदिर, यहां नमक चढ़ाने से दूर होती है बुरी नजर

Newschuski Digital Desk: देशभर में माँ भगवती के कई चमत्कारी शक्तिपीठ हैं, लेकिन कर्नाटक के रामनगरम जिले में स्थित एक मंदिर की अपनी ही अलग और रहस्यमयी महिमा है। यहाँ…

समुद्र की लहरों को चरणों में समेटे है मुरुदेश्वर का अद्भुत शिव मंदिर, जानें क्या है इतिहास

Newschuski Digital Desk: कहा जाता है कि ब्रह्मांड के हर कण में भगवान शिव वास करते हैं। दुनिया के कोने-कोने में उनके मंदिर और उनके भक्त मिल जाएंगे। लेकिन आज…

Pauranik Katha: राजा निमि की कथा

Pauranik Katha: श्रीरामचन्द्र जी बोले, हे लक्ष्मण! अब मैं तुम्हें शाप से सम्बंधित एक अन्य कथा सुनाता हूँ। हमारे ही पूर्वजों में निमि नामक एक प्रतापी राजा थे। वे महात्मा…

भाई, दोस्त या समधी, जानिए श्रीकृष्ण और द्रौपदी के अनोखे रिश्तों की पूरी कहानी

Pauranik Katha: महाभारत के किरदारों में श्रीकृष्ण और द्रौपदी का रिश्ता सबसे खास और अनोखा था। आइए आज समझते हैं कि कैसे ये दोनों एक-दूसरे के लिए मित्र, भाई-बहन और…

मुगल हरम कैसा था, जानें इसमें कहां से लाई जाती थीं औरतें

Newschuski Digital Desk: मुगल बादशाहों के हरम को लेकर हमारे दिमाग़ में अक्सर एक ही तस्वीर उभरती है ऐश-ओ-आराम की जगह और सैकड़ों खूबसूरत औरतों का झुंड। लेकिन असलियत इससे…

अखबारों में उपेक्षित हो रही है भाषा

लगभग सात दशक पूर्व पुरानी हिंदी निखरकर अपने वर्तमान रूप में आ चुकी थी। वैसे, उस समय दैनिक ‘भारत’ में मेरे एक वरिष्ठ सहयोगी विश्वम्भरनाथ जिज्जाजी थे, जिनकी उस समय…

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