Kahani: धन नहीं चैन चाहिए

Kahani: एक गरीब व्यक्ति था। वह प्रतिदिन समीप के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता और फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभू से कहता कि…

Hindu Samrajya Diwas: सुशासन, समरसता और सामाजिक न्याय से जीता जनविश्वास

Hindu Samrajya Diwas: शिवाजी का नाम आते ही शौर्य और साहस की प्रतिमूर्ति का एहसास होता है। अपने सपनों को सच करके उन्होंने खुद को न्यायपूर्ण प्रशासक रूप में स्थापित…

Pt. Madhavrao Sapre: हिंदी नवजागरण के अग्रदूत का जरूरी है स्मरण

पंडित माधवराव सप्रे, हिंदी पत्रकारिता और साहित्य में लगभग भुला दिए गए महानायक हैं। भारतबोध और भारतीयता के सबसे प्रखर प्रवक्ता स्प्रे हमारे स्व को जगाने वाले लेखक हैं। हिंदी…

Kahani: मानव चरित्र पर संत का ज्ञान

Kahani: एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक उन्नति करते हैं। जबकि…

RSS-BJP Conflict: संघ को गुस्सा क्यों आया

RSS-BJP Conflict: जीवन में प्रतिज्ञा का बड़ा महत्व होता है। प्रतिज्ञा से बधा हुआ व्यक्ति कभी अपने कर्तव्य को विस्मृत नहीं करता। अयोध्या नरेश दशरथ के ज्येष्ठ पुत्र श्रीराम ने…

यह क्रियेटिविटी और आइडियाज का समय: प्रो. द्विवेदी

भोपाल: “किसी भी इंसान को छोटी-छोटी समस्याओं पर नजर रखनी चाहिए। उनका हल सोचना चाहिए। बड़े और सफल आइडियाज इन्हीं से निकलते हैं।” यह विचार भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी)के…

Pauranik Katha: संत की खीर

Pauranik Katha: संत श्री रघुनाथ दास गोस्वामी राधाकुंड गोवर्धन में रहकर नित्य भजन करते थे। नित्य प्रभु को 1000 दंडवत प्रणाम, 2000 वैष्णवों को दंडवत प्रणाम और 1 लाख हरिनाम…

सूखती नदियां, बढ़ता तापमान, हाय रे इंसान

प्रकृति का प्रत्येक अंश और अंग परस्परावलम्बन में है। सब एक दूसरे पर आश्रित हैं। न जल स्वतंत्र है और न ही हवा। वनस्पतियां औषधियां भी स्वतंत्र नहीं हैं। लाखों…

‘इंडिया’ की आंखों से भारत को मत देखिए!

आजकल राष्ट्रीयता, भारतीयता, राष्ट्रत्व और राष्ट्रवाद जैसे शब्द चर्चा और बहस के केंद्र में है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम भारतीयता पर एक नई दृष्टि से सोचें और…

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