2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति बोलेगा हिंदी : प्रो. द्विवेदी

भोपाल: भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कहना है कि 2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति हिंदी बोलगा। यह घटना भारत की वैश्विक…

हिंदी : राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा

एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज…

सामाजिक समरसता से बनेगा सशक्त भारत

समता, ममता और समरसता हमारे भारतीय लोकजीवन का अभिन्न अंग है। हम जिस देश में रहते हैं उसके ऋषि कहते हैं- ‘सर्वभूतहिते रताः।’ प्रकृति से साथ हमारा संवाद बहुत पुराना…

यह समय भारतीय भाषाओं का अमृतकाल : प्रो. संजय द्विवेदी

खड़गपुर (पश्चिम बंगाल): भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में शीर्ष नेतृत्व ने हिंदी और भारतीय भाषाओं को…

प्रभात झा: लोकसंग्रह और संघर्ष से बनी शख्सियत

यह नवें दशक के बेहद चमकीले दिन थे। उदारीकरण और भूमंडलीकरण जिंदगी में प्रवेश कर रहे थे। दुनिया और राजनीति तेजी से बदल रहे थी। उन्हीं दिनों मैं छात्र आंदोलनों…

Budget 2024: रोजगार पर फोकस

Budget 2024: रोजगार, कौशल विकास से जुड़ी 5 योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ का प्रावधान क्रांतिकारी कदम है। 4.1 करोड़ युवाओं को इससे लाभ मिलेगा। बजट में शिक्षा,रोजगार और…

नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत क्यों करता है पश्चिमी मीडिया?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के अपने दोनों कार्यकालों में पश्चिमी नेताओं के साथ अब तक के सबसे अच्छे संबंध रहे हैं। लेकिन पश्चिमी मीडिया के साथ ऐसा नहीं है,…

आर्टिफिशल इंटेलिजेंस और मीडिया के उलझे रिश्ते

“माननीय प्रधानमंत्री जी हम आभारी हैं कि आप हमारे बीच आए। मेरी ऑन दी जॉब लर्निंग अब शुरू हो गई है और 2024 तक मैं देश की सबसे अच्छी जर्नलिस्ट…

‘सरस्वती प्रज्ञा सम्मान’ से अलंकृत किए गए प्रो. संजय द्विवेदी

भोपाल: प्रख्यात मीडिया शिक्षक और लेखक प्रो. संजय द्विवेदी को ‘सरस्वती प्रज्ञा सम्मान -2024’ से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान भोपाल स्थित गांधी भवन में निर्दलीय प्रकाशन, जन…

नफरतों, कड़वाहटों और संवादहीनता का समय!

भारतीय संसद अपनी गौरवशाली परंपराओं, विमर्शों और संवाद के लिए जानी जाती है। प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लोकतांत्रिक बहसों को प्रोत्साहित किया और अपने प्रतिपक्ष के नेताओं डा.…