नई दिल्ली: पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान का पटाक्षेप होता नहीं दिख रहा है। हालांकि इस मामले में कांग्रेस नेतृत्व हस्तक्षेप कर रहा। लेकिन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू दोनों को खुश करने की कोशिश सारी किए कराए पर पानी फेर दे रहा है। इसी क्रम में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज सोनिया गांधी से मिलने दिल्ली पहुंचे थे। लेकिन खबर है कि सोनिया गांधी ने उन्हें मिलने का समय ही नहीं दिया। सोनिया गांधी की तरफ से पंजाब को लेकर बनाए गए पैनल ने सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात की और उन्हें मेनिफेस्टो में किए गए 18 वादों को समय रहते पूरा करने की सलाह दी है।

गौरतलब है कि कैप्टन और अमरिंदर सिंह के बीच जारी कलह में सोनिया गांधी अब अंतिम फैसला करेंगी। पार्टी महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने कहा कि राहुल गांधी से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी अब इस मामले में निर्णय लेंगी। 8 से 10 जुलाई के बीच उनकी तरफ से सरकार और पार्टी में फेरबदल को लेकर फैसला किया जा सकता है। रावत ने बताया कि पैनल की तरफ से सोनिया गांधी को संगठन में बदलाव सहित अन्य मसलों की रिपोर्ट सौंपी गई है। इस पर 10 जुलाई तक सोनिया गांधी फैसला ले सकती हैं। उन्होंने बताया कि सीएम अमरिंदर सिंह को पैनल की तरफ से कहा गया है कि वह राज्य में रेत और ट्रांसपोर्ट माफिया के खिलाफ कड़ा कदम उठाएं।

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इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों के लोगों को 200 यूनिट तक फ्री बिजली दिए जाने पर भी विचार करने को कहा गया है। हरीश रावत ने बताया कि मेनिफेस्टो में बहुत से वादे किए गए थे, जिनमें से तमाम वादों को पूरा भी किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि हमने सभी मुद्दो पर मुख्यमंत्री से बात की है। इसके अलावा उन्हें पार्टी की तरफ से कुछ मुद्दों को लेकर डेडलाइन दी गई है।

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