लखनऊ। कोरोना संकट से देश का हर राज्य पीड़ित है। सभी राज्य इस महामारी से बचाव के हर इंतजाम में लगे हुए हैं। तो वही केंद्र सरकार को घेरने के लिए कुछ राज्य राजनीति करने में भी लगे हुए हैं। इसका जीता जागता उदाहरण दिल्ली है। जहां आक्सीजन के मामले को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गए। वहीं देश का सबसे बड़ा राज्य होने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने जिस तरह महामारी से निपटने के कदम उठाए उसकी हर जगह तारीफ हो रही है। कोरोना संक्रमण से लोगों तथा बच्चों को बचाने और कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने की दिशा में राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की बॉम्बे हाईकोर्ट ने तारीफ की है।

इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन और देश का नीति आयोग ने भी कोविड प्रबंधन के लिए प्रदेश में लागू योगी माडल की तरीफ कर चुका है। तारीफ में नीति आयोग ने यूपी के इस मॉडल को अन्य राज्यों के लिए नजीर बताया था। वहीं अब बॉम्बे हाईकोर्ट ने यूपी मॉडल के तहत बच्चों को बचाने के लिए किए गए प्रबंधनों का जिक्र करते हुए कहा है कि महाराष्ट्र सरकार इस फार्मूले के तहत काम करने के लिए विचार क्यों नहीं करती। बता दें कि यूपी सरकार कोरोना के संक्रमण से बच्चों के बचाव के लिए राज्य के हर बड़े शहरों में 50 से 100 बेड के पीडियाट्रिक बेड बनाने के निर्देश दिए हैं।

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गौरतलब हे कि कोरोना के इस संकट के दौरान अस्पताल की सारी सुविधाएं अपर्याप्त हो चुकी हैं। अस्पतालों में बेड, दवा व आक्सीजन की किल्लत ने पूरी व्यवस्था को बेपटरी कर दिया है। इस विषम परिस्थितयों में विपक्ष सहयोग की जगह सरकार को कोसने और विफल साबित करने में लगा रहा। जबकि जिस हिसाब से बीमारी ने पांव पसार है उससे व्यवस्थाओं का धराशायी होना स्वाभाविक है, वह भी भारत जैसे देश में। यहां इंसानियत और सहयोग की खूब बातें ​होती हैं। लेकिन जब इसकी जरूरत पड़ती है तो सबकी सारी इंसानियत मर जाती है।

देश में आक्सीजन और दवा के लिए जितना मारामारी मचा है। अगर लोग कालाबाजारी करना बंद कर दें तो उतनी दिक्कत नहीं होगी। लेकिन यहां इंसान ही इंसान का दुश्मन बना बैठा है। आक्सीजन सिलेंडर से लेकर दवा तक की कालाबाजारी करने वालों से कैसे सहयोग की अपेक्षा की जा सकती है। मजे की बात यह है इसमें संलिप्त जितने लोग पकड़े गए वे कहीं न कहीं से विपक्षी दलों के संपर्क के ही निकले। फिलहाल ऐसी परिस्थिति में लोगों को सुरक्षित रखने का यूपी सरकार का जो फार्मूला रहा वह सराहनीय रहा। ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में बच्चों को महामारी से बचाने के लिए यूपी सरकार ने जो मॉडल तैयार किया है, उसकी खबर अखबार में पढ़ने के बाद बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को इस मॉडल पर विचार करने के लिए कहा है।

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