हकीकत और फसाना: जानें शौचालय में रह रही दादी-पोती का सच

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truth of grandmother and granddaughter

नालंदा: सरकारें विकास की चाहे जितनी भी बातें कर लें, लेकिन धरातल पर स्थिति अभी दयनीय बनी हुई है। दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी और प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार आज भी कई गरीब परिवार बने हुए हैं। हालांकि सरकार की तरफ से गरीबों की सहायता के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। लेकिन दुर्भाग्य हे कि इन योजनाओं का लाभ उन्हीं को मिलता है, जो सरकारी अफसरों को चढ़ावा चढ़ाने की स्थिति में हैं। बाकी वास्तविक गरीबों को आवास, वृद्धा पेंशन जैसी योजनाओं का लाभ पाने से आज भी वंचित हैं। सोशल मीडिया पर इन दिनों ऐ छोटी बच्ची की तस्वीर वायरल हो रही है जो अपनी दादी के साथ शौचालय में रह रही है। हालांकि यह तस्वीर अर्ध सत्य पर हकीकत भी है।

गरीब परिवारों को छत दिलाने के लिए केंद्र से लेकर राज्य सरकारें लगी हुई हैं। लेकिन शहरों में सड़क किनारे बनी झुग्गी-झोपड़िया और गांव में छप्पर के नीचे गुजर-बसर कर रहे लोगों को देखकर अदम गोडवी की यह पंक्ति याद आ जाती है- ‘उनकी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, मगर आंकड़े झूठे हैं, ये बातें किताबी हैं।’ बिहार के नालंदा जनपद के कराय परशुराय प्रखंड के मकरौता पंचायत के दिरीपर गांव के वार्ड नंबर- 5 से वायरल हो रही दादी-पोती की ये तस्वीरें बेबसी, मजबूरी और हकीकत का पर्याय है। तस्वीर वायरल होने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है।

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जबकि सच यह है कि वृद्धा कौशल्या देवी और उसकी पोती शौचालय के बगल बने झोपड़ी में रहते हैं। लेकिन जब तेज बारिश होती है, तो शौचालय में आकर दोनों को शरण लेनी पड़ती है। मजे की बात यह है सरकार ने शौचालय तो दे दिया लेकिन इस गरीब परिवार को छत की दरकार आज भी है। घर में और कोई सदस्य न होने की वजह से 10 साल की बच्ची भीख मांगती है, जिससे दादी-पोती का पेट भरता है। इससे समझा जा सकता है कि अगर सरकारी योजनाओं का लाभ इन जैसे गरीबों को नहीं मिलना है, तो गरीबों के नाम पर योजनाएं बनाने का क्या मतलब निकाला जाए।

मंत्री संजय झा ने किया खंडन

मामला संज्ञान में आने के बाद बिहार सरकार में मंत्री संजय झा ने इसका खंडन किया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल कर अफवाह फैलाई जा रही थी कि एक बुजुर्ग महिला अपनी पोती के साथ शौचालय में रह रही है। इसका उन्होंने स्थलीय निरीक्षण कराया है, जिसमें पता चला है कि उक्त महिल कौशल्या देवी शौचालय के बगल में एक झोपड़ी में रहती हैं। उनके साथ उनकी पोती के अलावा अन्य सदस्य साथ में नहीं है। महिला को वृद्धावस्था पेंशन और पीडीएस का अनाज का लाभ मिलता है। उसे भोजन की दिक्कत नहीं है। जल्द ही जिला प्रशासन की तरफ से महिला की झोपड़ी का जीर्णोद्धार और उससे लगती गली का पक्कीकरण कार्य कराया जाएगा।

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