Kahani: एक गरीब औरत जंगल में अपने दो बच्चों के साथ झोपड़ी में रहती थी। उसके एक बच्चे का नाम चिंकू और दूसरे का पिंकू था। एक बार में जंगल में बहुत भंयकर तूफान आया और उनकी कमजोर झोपड़ी टूट गई। एक पेड़ उखड़कर उस औरत पर जा गिरा। पेड़ भारी होने के कारण वो औरत मर गई।
तूफान तेज होने के कारण दो बच्चे बिछड़ गए एक बच्चा (चिंकू) एक गुफा के पास पहुंचा, उस गुफा में डाकुओं का एक झुंड रहता था। वो बच्चा डाकुओं के साथ रहने लगा और उनकी संगत में आ गया। और वहीं दूसरा बच्चा (पिंकू) एक आश्रम के पास पहुंचा। उस आश्रम में बहुत से ऋषि रहते थे। वह बच्चा ऋषियों के साथ रहने लगा और उनकी संगत में आ गया।
एक बार जंगल में एक राजा शिकार करने के लिए आए। उन्हें काफी प्यास लगी थी। वो उस गुफा के पास एक पेड़ में अपने घोड़े को बांध कर पानी लाने गए। फिर वे पानी पीकर उसी पेड़ के नीचे सो गए। तभी राजा को देखकर चिंकू चिल्लाने लगा। लूट लो, लूट लो। यहां एक राजा बहुत सारे गहने पहने हुए है और एक घोड़ा भी साथ है। यह सुनकर राजा बहुत डर गया। और जल्द ही वहां से भाग गया। भागते-भागते वह उसी आश्रम में पहुंचा। तब पिंकू ने उसका स्वागत किया। राजा को ठंडा पानी पिलाया, आराम करने को कहा और पैर भी दबाए। फिर कुछ समय के बाद ऋषि वहां पर आए। और राजा को सारी घटना बताई कि दोनों भाई होकर भी कितने अलग हैं! इसे ही कहते हैं संगत का असर।
(कहानीकार कक्षा 7 की छात्रा हैं।)
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