कर्तव्य भाव से भरा रहे
हर क्षण-पल जीवन सबका।
क्रिया शीलता रहे सदा
हो सृजनात्म भाव मन का।।

निष्क्रिय जीवन से रहें दूर
सद कर्म सदा वे कर पायें।
वह पल न कभी भी आए
जब खाली हाथ कहीं जायें।।

ईश्वर की कृपा सहायक हो
संकल्प सभी उस प्रभु से हों।
सब विधान उस प्रभु का हो
जीवन के शुभ सब प्रभु से हों।।

सब कार्य योजना है उसकी
हूँ निमित्त मात्र स्व को जानो।
जो चाहा उसने किया पूर्ण
क्या होनी तप से पहचानो।।

हो सतत साधना जीवन में
तप तेज स्वयं ही आएगा।
साधन और सिद्धि पवित्र
कृपा स्वयं ही पायेगा।।

बृजेंद्र पाल सिंह

राष्ट्रीय संगठन मंत्री लोकभारती

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