लखनऊ। कोरोना महामारी के खिलाफ जारी अभियान में भारत जहां आखिरी दौर में है। वहीं राज्यों में वैक्सीनेशन की जो तैयारियां देखने को मिल रही हैं वह हैरान करने वाली हैं। खासतौर पर उत्तर प्रदेश की तैयारियों की बात करें तो जो वैक्सीनेशन की पहली सूची को लेकर जो सच सामने आ रहा है वह परेशान करने वाला है। उत्तर प्रदेश में वैक्सीन दी जाने वाली पहली लिस्ट में बड़ी धांधली की खबर आ रही है। यहां की पहली लिस्ट में मृतक नर्स और रिटायर हो चुके डॉक्टरों के नाम भी शामिल हैं। बता दें कोरोना काल के दौरान जांच अभियान में भी यहां इसी तरह की जमकर धांधली हुई है। जानकारों की मानें तो डॉक्टर टारगेट पूरा करने के लिए एक ही लोगों के कई बार टेस्ट कर डाले। जबकि आम नागरिक जांच की पर्ची कटवाने तक ही सीमित रह गया।

गौरतलब है कि 16 जनवरी से प्रदेश के 852 केंद्रों पर वैक्सीनेशन का काम शुरू होना है। इन केंद्रों के लिए एक लिस्ट तैयार की गई है, जिसमें टीका लगने वालों के नाम शामिल हैं। लेकिन टीकाकरण से पहले खबर आ रही है कि इस लिस्ट को तैयार करने में बड़ी लापरवाही बरती गई है। इस लिस्ट में कई नाम ऐसे शामिल जो या तो मर चुके हैं या फिर रिटायर हो गए हैं। वहीं यह बात सामने आने पर पूरे मामले पर जांच बैठा दी गई है। मामले की जानकारी सामने आने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस पूरे मामले में जो भी जिम्मेदार मिलेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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वहीं दूसरी तरफ मंत्री ने राज्य में डॉक्टरों की संख्या की कमी को लेकर भी चिंता जाहिर की। मतलब साफ हो रहा है कि सरकार डॉक्टरों पर कार्रवाई करने से कतरा रही है। डॉक्टरों की संख्या कम है यह अलग विषय है। लेकिन लिस्ट की धांधली बता रही है कि इसे तैयार करने में किस हद तक लापरवाही बरती गई है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। भारत जैसे देश में चुनाव से पहले मतदाता सूची तैयार की जाती है। बावजूद इसके मतदान के दौरान जिंदा व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में नहीं होता। जबकि कई नाम ऐसे जरूर देखने को मिल जाते हैं, जिनका नाम मतदाता सूची में तो होता पर वे इस दुनिया में नहीं होते।

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