देहरादून: देव भूमि उत्तराखंड में एक बार फिर सियासी संकट गहरा गया हैं। यहां दूसरी बार नए मुख्यमंत्री का चयन होने जा रहा है। बता दें मात्र 114 दिन राज्य के मुख्यमंत्री रहने वाले तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल बेगीरानी से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हालांकि उन्होंने अपने इस्तीफे के पीछे संवैधानिक संकट का हवाला दिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री के छोटे से कार्यकाल में तीरथ सिंह रावत अपने बयानों को लेकर सुर्खियों और विवादों में बने रहे। बयानों के चलते सोशल मीडिया पर उनकी खूब किरकिरी भी हुई। लड़कियों की फटी जींस वाले बयान पर उनकी पत्नी को सामने आकर सफाई देनी पड़ गई थी।

मां गंगा की कृपा से नहीं फैलेगा कोरोना

उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर के बीच कुंभी मेले के आयोजना को लेकर काफी हंगामा हुआ था। इस हंगामें के दौरान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का चौंकाने वाला बयान आया था। उन्होंने कहा था कि मां गंगा की कृपा से कुंभ में कोरोना नहीं फैलेगा। वहीं मीडिया के सवालों पर सीएम रावत ने कहा था कि कुंभ और मरकज की तुलना करना गलत है। उन्होंने तर्क देते हुए कहा था कि मरकज से जो कोरोना फैला वह एक बंद कमरे से फैला था। क्योंकि इसमें शामिल सभी लोग एक बन्द कमरे में रहे। लेकिन हरिद्वार में हो रहा कुंभ का क्षेत्र नीलकंठ और देवप्रयाग तक है।

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पीएम मोदी को बताया था राम-कृष्ण का अवतार

मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले तीरथ सिंह रावत मार्च में नेत्र कुंभ के उद्घाटन के दौरान जनता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को भगवान राम का अवतार बता छाला था। उन्होंने कहा था कि त्रेता, द्वापर में जैसे राम, कृष्ण को पूजा जाता था, उसी तरह भविष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पूजा जाएगा। आने वाले समय में नरेंद्र मोदी को भी लोग उसी रूप में मानने लगेंगे। भगवान राम और कृष्ण ने समाज उत्थान के लिए काम किया था जिसके चलते हम उन्हें भगवान मानने लगे। उसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी काम कर रहे हैं।

महिलाओं की फटी जींस पर की थी टिप्पणी

मुख्यमंत्री बनने के दो महीने बाद उन्होंने महिलाओं के पहनावे से जुड़े सवाल पर उनकी फटी जींस पहनने पर टिप्पणी कर दी थी। उन्होंने कहा था कि महिलाओं की फटी हुई जींस देखकर हैरानी होती है। यह देख कर उनके मन में सवाल उठता है कि इससे समाज को क्या संदेश दिया जा रहा है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, ‘मैं जयपुर में एक कार्यक्रम में शामिल होने गया था। इसके अगले दिन करवाचौथ था और जब मैं जहाज में बैठा, तो मेरे बगल में एक बहनजी बैठी थीं।

मैंने जब उनकी तरफ देखा तो नीचे गमबूट थे, उससे ऊपर देखा तो घुटने फटे थे। हाथ में कई कड़े पहने हुई थीं। उनके संग दो बच्चे भी थे। इस दौरान मैंने उन्हें कहां जाना, पति क्या करते हैं और वह खुद क्या करती हैं। इस पर बात की। लेकिन उनकी फटी जींस देख कर हैरानी हुई कि वह इससे बच्चों को क्या संदेश देना चाहती हैं। उनके इस बयान पर काफी हंगामा मचा था। हालांकि उन्होंने सभ्सता और संस्कार की बात की थी। लेकिन सभ्यता और संस्कार से परे जीवन जीने वाले लोगों को उनकी इस टिप्पणी से इतनी नाराजगी हुई की उनकी पत्नी को सामने आकर सफाई देनी पड़ गई।

ज्यादा राशन मिलने पर की थी टिप्पणी

फटी जींस पर विवाद थमने के बाद तीरथ सिंह रावत ने फिर एकबार बयान में कहा था कि 20 बच्चे पैदा किए होते तो ज्यादा राशन मिलता। बता दें कि रामनगर में अंतरराष्ट्रीय वानिकी दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में रावत ने कहा था कि लोगों को इस बात को लेकर जलन होने लगी है कि दो सदस्यों वाले परिवार को 10 किलो राशन और 20 सदस्यों वाले परिवार को एक क्विंटल अनाज क्यों दिया गया। उन्होंने कहा, अब इसमें दोष किसका है, उसने 20 पैदा किए और आपने दो, तो अब जलन क्यों? जब बच्चे पैदा करने का समय था तब दो किए। 20 क्यों नहीं पैदा किए। 20 पैदा किए होते तो ज्यादा राशन मिलता।

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