बलरामपुर। कोरोना संकट के दौरान लोगों में कितनी इंसानियत बची है यह भी सामने आ गई। व्यवस्था व सरकार को कोसने वाले यह भूल गए कि उनकी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है। दवा व आक्सीजन की कालाबाजारी सरकार नहीं बल्कि हम-आप में से कोई एक था और है। वहीं बलरामपुर से एक वीडियो वायरल हो रहा है जो पूरी इंसानियत को शर्मसार करने वाला है। यहां एक कोरोना संक्रमित के शव को दफनाने या जलाने की जगह राप्ती नदी में प्रवाहित कर दिया गया। हालांकि किसी ने इस दौरान उसका वीडियो बना दिया। वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य महकमा हरकत में आ गया और दो लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंध ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया है।

जानकारी के अनुसार मनकौरा गांव निवासी कोरोना संक्रमित प्रेमनाथ मिश्र का एल-टू अस्पताल में इलाज चल रहा था। शुक्रवार को देर शाम उनका निधन हो गया। अस्पताल प्रशासन की तरफ से उनके परिजनों को इसकी जानकारी देने की कोशिश की गई। लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। सूचना पाकर अगले दिन मनकौरा निवासी संजय शुक्ल अस्पताल पहुंचे। उन्होंने खुद को मृतक का भतीजा बताते हुए अत्योष्टि के लिए लाश मांगी। एल-टू अस्पताल के नोडल डॉ. एपी मिश्र ​के मुताबिक संजय ने शव को राप्ती नदी घाट तक ले जाने के लिए एंबुलेंस मांगी थी, जिस एंबुलेंस चालक को राप्ती नदी तक जाने की अनुमति दे दी गई।

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वायरल वीडियो में देखा जा रहा है कि शव को राप्ती के पुल से नदी में फेंका जा रहा है। इस दौरान दो लोग मौजूद है, जिसमें से एक पीपी किट पहने हुआ है। फिलहाल वीडियो वायरल होने के बाद सीएमओ की तहरीर पर दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस संदर्भ में प्रभारी निरीक्षक विद्या सागर का कहना है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। बता दें हाल में गंगा में शव मिलने के बाद योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई थी। इसके बाद गंगा में चौकसी बढ़ा दी गई है।

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