लखनऊ। रोहिंग्या की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर यूपी एटीएस ने कड़ी कार्रवाई की है। महाराष्ट्र के अलावा उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी की गई है। यूपी के चार शहर खलीलाबाद, बस्ती, अलीगढ़ और संत कबीरनगर में यूपी एटीएस ने एक साथ छापेमारी की है। टेरर फंडिंग को लेकर एटीएस सबूत खोज रही है। वहीं संत कबीरनगर से आठ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि रोहिंग्या के लोगों के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनाए जा रहे थे।

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गौरतलब है कि बीत काफी समय से म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमान भाग रहे हैं और दूसरे देशों में जाकर शरण ले रहे हैं। बता दें कि म्यांमार में बौद्ध की बहुसंख्यक आबादी है। म्यांमार में एक अनुमान के अनुसार 10 लाख रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं, इन मुसलमानों के बारे में बताया जाता है कि ये मुख्य रूप से अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं।

ज्ञात हो कि अधिकतर कैंपों में रोहिंग्या शरणार्थियों की स्थिति काफी बदत्तर है। इसी के चलते पाकिस्तान इन्हें भड़का कर आतंकी बनाने की साजिश रचता रहता है। फिलहाल भारत के अधिकत्तर राज्यों में रोहिंग्या मुसलमानों की अच्छी आबादी बस गई है। इन्हीं के जरिए टेरर फंडिंग सहित अन्य देश विरोधी गतिविधियां कराई जा रही है। सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में चले प्रदर्शनों में रोहिंग्या की अच्छी आबादी शामिल थी। अन्य राज्यों के मुकाबले पश्चिम बंगाल में इनकी आबादी काफी बढ़ गई है। नतीजा आज सबके सामने है।

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