लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के निरालानगर स्थित सरस्वती कुंज परिसर के भारतीय शिक्षा शोध संस्थान में फील्ड अटैचमेंट प्रोग्राम का समापन समारोह आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रो. अपर्णा गोडबोले, भारतीय शिक्षा शोध संस्थान के निदेशक प्रो. सुबोध कुमार, शोध संस्थान के अध्यक्ष कृष्ण मोहन, उपाध्यक्ष डॉ. विभा दत्त, उपाध्यक्ष प्रो. एसके द्विवेदी और कोषाध्यक्ष डॉ. शिव भूषण त्रिपाठी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद आये हुये अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारतीय शिक्षा शोध संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुबोध कुमार ने कहा कि किसी भी कार्यक्रम को सफलता तभी मिलती है, जब उसे सही से क्रियान्वित किया जाये। इसी तरह हमें अपने जीवन में भी ऐसा ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई भी कार्यक्रम संयुक्त रूप से और सभी के सहयोग से किया जा सकता है। उन्होंने एमएड प्रशिक्षुओं को सदैव सीखते रहने की सलाह दी और कहा कि सीखने के लिए सदैव तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि जिसने ये सोच लिया कि मैंने सब कुछ सीख लिया है वो आगे कभी कुछ नहीं सीख सकता। उन्होंने कहा कि ज्ञान असीमित है और इसे अर्जित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए।

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भारतीय शिक्षा शोध संस्थान के अध्यक्ष कृष्ण मोहन त्रिपाठी ने कहा कि अच्छा व्यवहार ही सफलता की कुंजी है और वाणी हमेशा मधुर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अच्छी आदतें अच्छे चरित्र का हिस्सा बनतीं है, जो जीवनभर काम आने वाला है। उन्होंने कहा कि कभी भी अपने अधिकार को भुनाने की चेष्टा न करें। मुख्य अतिथि प्रो. अपर्णा गोडबोले जी ने कहा कि हमारा उद्देश्य शोध संस्थान से सीखकर निकलने वाले प्रशिक्षु अच्छे व्यक्ति बनें। इस दौरान उन्होंने कोरोना काल में आयी चुनौतियों का भी जिक्र किया।

कार्यक्रम के अंत में भारतीय शिक्षा शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष डॉ. शिव भूषण त्रिपाठी ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर फील्ड अटैचमेंट प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र दिया गया। इससे पहले सभी प्रशिक्षुओं ने प्रशिक्षण को लेकर अपना-अपना अनुभव साझा किया। इस कार्यक्रम में एमएड प्रशिक्षुओं के साथ-साथ शोध संस्थान के कर्मचारी मौजूद रहे।

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