नई दिल्ली। देश के लाखों युवा आंखों में आईएएस और आईपीएस बनने का सपना संजोकर तैयारी करते हैं। इनमें से कुछ ही का सपना साकार हो पाता है और वह आईएएस तथा आईपीएस जैसे अधिकारी बनने में सफल हो पाते हैं। क्योंकि इसकी तैयारी के लिए खुद में टायलेंट होने के साथ-साथ दिन-रात कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। देखा जाए तो देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में यूपीएससी के सिविल सेवा परीक्षा सबसे टफ है। जबकि सिविल सेवा परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करने वाले अभ्यर्थियों का ही आईएएस बनने का सपना पूरा हो पाता है। इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आईएएस) वह सीढ़ी है जिसके माध्यिम से ब्यूरोक्रेसी में एंट्री होती है।

आईएस के लिए चुने गए अभ्यर्थी विभिन्न मंत्रालयों, विभागों या जिलों के प्रशासनिक मामलों के अधिकारी होते हैं। एक आईएएस अफसर भारतीय नौकरशाही के सबसे बड़े पद कैबिनेट सेक्रेटरी तक भी जा सकता है। देश में वरीयता क्रम में सेक्रेटी की पोस्ट 23वें स्थान पर होती है। तमाम मंत्रालयों में सचिव, उप सचिव, ज्वाइंट सचिव जैसे पद आईएएस अधिकारी को ही मिलती है।

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मिलती है काफी अच्छी तनख्वाह

जहां तक पावर और सैलरी की बात है तो अक्सर लोग ये जानने के लिए काफी एक्साइटेड रहते हैं कि आईएएस जैसे बड़े पद की जिम्मेदारी संभालने वाले अफसरों की सैलरी कितनी होती है। तो आपको बता दें कि एक आईएएस अफसर को काफी अच्छी तनख्वाह मिलती है। 7वें वेतन आयोग के अनुसार आईएएस अधिकारी की बैसिक सैलरी हर महीने 56100 रुपये होती है। टीए डीए अलग यानि नौकरी की शुरुआत में एक आईएएस अधिकारी की सैलरी 1 लाख से ज्यादा होती है। सर्वोच्च पद जैसे कैबिनेट सचिव के लिए ये सैलरी हर महीने करीब 2,50,000 तक पहुंच जाती है। याद रहे कि देश में नौकरशाही में सबसे ज्यादा सैलरी सचिव स्तर के अधिकारी को मिलती है और यकीनन सबसे बड़ा पद कैबिनेट सचिव का होता है तो सबसे ज्यादा सैलरी भी इनकी ही होती है।

गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी का वेतन की स्केल के आधार पर होता है। मसलन जूनियर स्केल, सीनियर स्केल, सुपर टाइम स्केल, इसके अलावा वेतनमानों में अलग-अलग वेतन बैंड भी होते हैं। वहीं आईएएस अफसर तमाम सुविधाएं भी मिलती हैं। आईएएस अधिकारियों को मिलने वाली अन्य सुविधाओं में बंगला, कुक चपरासी और स्टाफ शामिल है। इसके अलावा उन्हें फ्री टेलीफोन की सुविधा के साथ ही कई राज्यों में बिजली भी फ्री मिलती है। सरकारी यात्राएं भी फ्री होती हैं। इसके अलावा भी उन्हें कई सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। गौरतलब है कि आईएएस का मूल मासिक वेतन शुरुआती चरणों में 3 फीसदी की दर से वृद्धिशील होता है और जब अधिकारी कैबिनेट सचिव स्तर तक पहुंच जाता है तो एक निश्चित प्रतिशत तक वेतन में बढ़ोतरी होती है।

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