नई दिल्ली। सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही का खामियाजा अक्सर आम आदमी भुगतता है, वहीं कभी कभी इसका नुकसान प्रशासनिक कर्मचारियों को भी चुकाना पड़ जाता है। ऐसी ही प्रशासनिक गलती का खामियाजा अब दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों में एक हजार से अधिक शिक्षकों को भुगतना पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभागों और कॉलेजों के शिक्षकों को 25 वर्ष पहले उन्हें जो ग्रेड पे व इंक्रीमेंट दिया गया था, वह वापस करना पड़ेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की चूक खामियाजा अब शिक्षकों को भुगतना पड़ेगा है। विवि प्रशासन का कहना है कि एक चूक की वजह से ग्रेड पे व इंक्रीमेंट गलत तरीके से दिया गया था। ऐसे में जिन शिक्षकों को इंक्रीमेंट का लाभ मिला है, उनसे अब रिकवरी किए जाने की तैयारी है।

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के अनुसार इंक्रीमेंट का लाभ पाने वाले शिक्षक यदि समय रहते धन राशि नहीं लौटाएंगे तो सेवानिवृत्त होने के बाद उनके वेतन या पीएफ से यह राशि काट ली जाएगी, इसके बाद उन्हें पेंशन का लाभ दिया जाएगा। इतनी बड़ी धनराशि की रिकवरी करने की बात सामने आने पर शिक्षकों में तनाव और गुस्सा दिख रहा है। दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन के प्रभारी प्रोफेसर हंसराज सुमन का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी के सचिव को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों व कॉलेजों के शिक्षकों के पे स्केल संबंधित स्पष्टीकरण भेजा था। इस बारे में यूजीसी ने दिल्ली विश्वविद्यालय को लेटर भी जारी किया था। इस पत्र में कहा गया था कि जो शिक्षक लेक्चरर (सलेक्शन ग्रेड) में 1 जनवरी, 1996 को या रीडर ग्रेड में हैं और जिनके 5 वर्ष पूरे होने के बाद उन्हें 12 हजार का ग्रेड पे के स्थान पर 14,940 ग्रेड पे दिया गया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे शिक्षक जो 1 जनवरी, 1996 में रीडर थे और जिनका अभी 5 साल पूरे नहीं हुए हैं, उनका 5 वर्ष पूरे होने के बाद 14,940 पर फिक्सेशन होना था मतलब 12,000–18,300, इसमें 420 रुपए की इंक्रीमेंट भी जोड़ा जाना। लेकिन कुछ कॉलेजों ने नियमों का दरकिनार कर उन्हें ग्रेड पे व इंक्रीमेंट दे दिया।

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