प्रयागराज। भारतीय कानून में अपराधियों को केवल सजा ही नहीं दी जाती बल्कि उनके आत्मसम्मान का भी पूरा ख्याल भी रखा जाता है। ऐसे ही टॉप-10 अपराधियों के आत्मसम्मान में बड़ा को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए थानों में चस्पा ऐसे अपराधियों की लिस्ट हटाने का आदेश दिया है। थानों से टॉप-10 अपराधियों की चस्पा लिस्ट हटाने के लिए हाई कोर्ट ने राज्य के डीजीपी को आदेश दिया है। अपने आदेश में हाई कोर्ट ने डीजीपी से कहा है कि पुलिस थानों में चस्पा टॉप-10 अपराधियों की सूचना देने वाले बैनर को हटावा दें। कोर्ट ने कानून का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसा करना संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है। जबकि कोर्ट ने निगरानी के लिए ऐसे अपराधियों की सूची तैयार करने की प्रक्रिया को सही ठहराया है।

ज्ञात हो कि थानों में चस्पा इन अपराधियों की सूची में उनके नाम, पहचान और आपराधिक इतिहास को दर्शाया गया है। वहीं हाई कोर्ट ने इसके लिए डीजीपी को सभी थानों के लिए सर्कुलर जारी कर करने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने मन है कि थानों के बाहर अपराधियों के बारे में सूचनाएं सार्वजनिक तौर पर प्रदर्शित करना कानूनन ठीक नहीं है। ऐसा करना मानवीय गरिमा के विरुद्ध है।

बता दें कि जीशान उर्फ जानू, बलवीर सिंह यादव और दूधनाथ सिंह की तरफ से दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस पंकज नकवी और जस्टिस विवेक अग्रवाल ने डीजीपी को यह आदेश दिया है। हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले इन याचिकाकर्ताओं के नाम टॉप-10 अपराधियों की सूची में प्रयागराज और कानपुर के थानों के सार्वजनिक रूप में लगाए गए हैं।

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