हाजीपुर। क्षेत्र से चुने जनप्रतिनिधि जब जनता का दर्द समझने की जगह सरकार की खामियां गिनाने में मशगूल रहेंगे तो यही होगा। कोरोना संकट के बीच जनप्रतिनिधि धरातल पर उतर कर जरूरतमंदों की मदद करने की जगह ट्वीट कर सिस्टम व सरकार को कोसने में लगे रहेंगे, तो स्वाभाविक है उन्हें जनता की नाराजगी का समाना करना ही पड़ेगा। संकट के दौरान सियासत चमकाने के चक्कर में जनप्रतिनिधि यह भूल कर रहे है कि अब वही जनता नहीं रही जिसे ये लोग गुमराह करते आ रहे हैं। आज जनता अपने जनप्रतिनिधि से जवाबदेही चाहती है। इसी का प्रमाण है ट्विटर पर एक्टिव रहने वाले बिहार के नेता प्रतिपक्ष और राघोपुर से विधायक तेजस्वी यादव और हाजीपुर से सांसद पशुपति कुमार पारस से नाराज जनता ने उनके लापता होने के पोस्टर लगा डाले हैं।

सरकार की नाकामी गिनाने में लगे है नेता

देश के अन्य राज्यों की तरह बिहार भी संक्रमण के मुश्किल समय से गुजर रहा है। विपक्षी दल के नेताओं की तरफ से जरूरतमंदों की मदद की जगह सरकार की कमियां गिनाई जा रही हैं। उन्हें इस बात का भान नहीं है कि जनता कितनी परेशान है। जनता को सरकार से ज्यादा अपने जनप्रतिनिध की आवश्यकता है। लिहाजा जनता ने चौक—चौराहों समेत प्रमुख स्थानों पर विधायक तेजस्वी यादव ओर सांसद पशुपति कुमार पारस के लापता होने के पोस्टर लगा डाले हैं।

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खोजकर लाने वाले को मिलेगा इनाम

तेजस्वी यादव और पशुपति कुमार पारस के लापता होने के पोस्टर में इनहें ढूंढ कर लाने वाले के लिए इनाम की भी घोषणा की गई है। पोस्टर में लिखा है कि क्षेत्र के गुमशुदा इन नेताओं का पता बताने व ढूंढ कर लाने वाले को 51 सौ रुपए बतौर इनाम के रूप में दिया जाएगा। लोगों का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद से ये नेता कभी क्षेत्र में नहीं आए। कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से क्षेत्र की जनता परेशान है। उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। यहां की जनता को अपने जनप्रतिनिधि का इंतजार है और वो लापता है। अस्पताल में चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही है, पर उनकी आवाज उठाने वाला कोई नहीं है।

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