Pauranik Katha: होनी बहुत बलवान है

Pauranik Katha: अभिमन्यु के पुत्र राजा परीक्षित थे। राजा परीक्षित के बाद उनके पुत्र जन्मेजय राजा बने। एक दिन जन्मेजय वेदव्यास जी के पास बैठे थे। बातों ही बातों में…

Kahani: न तीन में न तेरह में

Kahani: एक नगर सेठ थे, अपनी पदवी के अनुरूप वह अथाह दौलत के स्वामी थे। घर, बंगला, नौकर-चाकर थे। एक चतुर मुनीम भी था जो सारा कारोबार संभालता था। किसी…

Prerak Prasang: धन-पुत्र, वही जो परमार्थ में लगे

Prerak Prasang: एक सेठ बड़ा साधु सेवी था। जो भी सन्त महात्मा नगर में आते वह उन्हें अपने घर बुला कर उनकी सेवा करता। एक बार एक महात्मा सेठ के…

Prerak Prasang: सेठ की भक्ति और भूखा बुजुर्ग

Prerak Prasang: एक बुजुर्ग आदमी बुखार से ठिठुरता और भूखा प्यासा शिव मंदिर के बाहर बैठा था। तभी वहां पर नगर के सेठ अपनी सेठानी के साथ एक बहुत ही…

Kahani: लालच का फल

Kahani: एक छोटा सा शहर था। उसी शहर में गणेश मिठाईवाले की एक बड़ी प्रसिद्ध दुकान थी। वह बहुत ही स्वादिष्ट बाल मिठाई बनाया करता था। धीरे-धीरे गणेश मिठाईवाले की…

Kahani: मन का भूत

Kahani: एक आदमी ने एक भूत पकड़ लिया और उसे बेचने शहर गया। संयोगवश उसकी मुलाकात एक सेठ से हुई, सेठ ने उससे पूछा- भाई यह क्या है। उसने जवाब…

Kahani: विवाह भोज या निकाह की पार्टी

Kahani: एक मित्र ने एक मजेदार वाकया सुनाया। उसने बताया कि पिछले दिनों एक जैन परिवार की शादी में प्रीतिभोज में जाना हुआ। स्वागत द्वार पर गुलाब के फूल, मैंगो…

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