Kahani: पाप और पुण्य

Kahani: गाँव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वेश्या का मकान था। वेश्या के यहाँ रात−दिन लोग आते−जाते रहते थे।…

Kahani: माँ

Kahani: मां वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक…

Pauranik Katha: विनम्रता की जीत

Pauranik Katha: सुबह मेघनाथ से लक्ष्मण का अंतिम युद्ध होने वाला था। वह मेघनाथ जो अब तक अविजित था, जिसकी भुजाओं के बल पर रावण युद्ध कर रहा था, अप्रितम…

Kahani: ऑटो वाले की सात्विक सोच

Kahani: एक व्यक्ति ऑटो से रेलवे स्टेशन जा रहा था। ऑटो वाला बड़े आराम से ऑटो चला रहा था। एक कार अचानक ही पार्किंग से निकलकर रोड पर आ गई।…

Kahani: स्वभाव बदलने की जड़ी-बूटी

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध संन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी।…

Kahani: लहरों से डरना नहीं

Kahani: एक समय की बात है, एक महात्मा नदी किनारे खड़े होकर प्रकृति को निहार रहे थे। कल-कल नदियों का बहना, ठण्डी-ठण्डी हवाएं और पेड़ के पत्तों का झूमना, बहुत…

Poem: जाग रहा भारत फ़िर से

जाग रहा भारत फ़िर से हम जागें, कर पायें सद कर्म प्रभु से यह मांगें। पावन अतीत की थाती का गौरव ले, स्वर्णिम भवितव्य रचायें भ्रम भागें।। गति में मन…

Kavita: माँ सुबह का सूरज होती है

माँ भोर में उठती है कि माँ के उठने से भोर होती है ये हम कभी नहीं जान पाये। बरामदे के घोसले में बच्चों संग चहचहाती गौरैया माँ को जगाती…

Kahani: समर्पण का भाव

Kahani: एक बार एक बेहद ख़ूबसूरत महिला समुद्र के किनारे रेत पर टहल रही थी। समुद्र की लहरों के साथ कोई एक बहुत चमकदार पत्थर छोर पर आ गया। महिला…

Kahani: बूढ़े तोते की सीख, मुश्किल में न छोड़े साथ

Kahani: एक बार एक शिकारी शिकार करने के लिए जंगल में पहुंचा। उसने अपने तीर पर बहुत ही खतरनाक जहर लगाया और शिकार को निशाना बना करके उसने तीर को…

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